सूरत  : अगले बरस तू जल्दी आना... पांचवें दिन भक्तिमय माहौल में गौरी गणेश की विदाई

कुत्रिम झील में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया

सूरत  : अगले बरस तू जल्दी आना... पांचवें दिन भक्तिमय माहौल में गौरी गणेश की विदाई

सूरत शहर में हजारों गणेश मंडलों द्वारा गौरीपुत्र श्रीजी की स्थापना की जाती है। इसी प्रकार घरों में भी उससे भी अधिक संख्या में गौरी गणेश के रूप में भगवान गणेशजी की छोटी प्रतिमाए स्थापित कि जाती हैं। पांच दिन पूरे होने के बाद आज बड़ी संख्या में गौरी गणेश का विसर्जन शुरू हुआ। बच्चे, युवा और वृद्ध सभी उत्साहपूर्वक गणपति बापा मोरया की धुन पर विसर्जन करते नजर आए।

कुत्रिम झील में विसर्जन किया गया

गणपति विसर्जन के लिए नगर निगम की ओर से अग्रिम तैयारियां की गई हैं। 6 अलग-अलग क्षेत्रों में 20 कुत्रिम तालाब बनाए गए। दोपहर 12 बजे के बाद सभी जोन में विघटन की प्रक्रिया शुरू हो गई। गौरी गणेश के विसर्जन को लेकर काफी उत्साह का माहौल देखा गया। भगवान श्रीजी को बड़े हर्षोल्लास के साथ विदाई दी गई। तापी नदी या अन्य जल निकायों में मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध है।

घर पर ही मिट्टी की मूर्तियों का विसर्जन

पर्यावरण को नुकसान न हो इसलिए पीओपी की जगह मिट्टी की मूर्ति का क्रेज काफी बढ़ गया है। गौरी विसर्जन के दिन कई लोग मूर्ति को कुत्रिम झील या हजीरा के समुद्र तट पर विसर्जित करने के बजाय अपने घर के आंगण में ही विसर्जित करते हैं। भगवान गणपति बापा मोरिया  'पुड़चा वर्षी लवकारिया' के संगीत के साथ भगवान श्रीजी को विदा करते है। विघ्नहर्ता को  इस प्रार्थना के साथ विदाई दी कि वह 'पूडचा वर्षी लवकर या , भुल चुक माफ' के मंत्र के साथ सभी लोगों से गौरी गणेश का विसर्जन किया।  

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