सूरत में बाल श्रम का पर्दाफाश: 12 घंटे काम और 200 रुपये में बंधुआ मजदूर
राजस्थान से लाए गए छह बाल श्रमिक साड़ी कारखानों से मुक्त, मालिकों पर मामला दर्ज
सूरत के पूना इलाके में पुलिस ने दो साड़ी कारखानों पर छापेमारी कर छह बाल मजदूरों को मुक्त कराया है। ये बच्चे राजस्थान के उदयपुर जिले के गांवों से लाए गए थे और उनसे रोजाना 12 घंटे काम कराया जाता था, जिसके बदले उन्हें मात्र 200 रुपये दिए जाते थे। पुलिस ने कारखानों के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह कार्रवाई तब हुई जब पूना पुलिस की सी टीम इलाके में बाल श्रम की सूचना मिलने पर जांच कर रही थी। कुछ दिन पहले भी सूरत में अवैध श्रम से परेशान होकर दो बाल मजदूर भागकर पुलिस के पास पहुंचे थे, जिससे इस रैकेट का खुलासा हुआ था कि राजस्थान से बच्चों को लाकर उनसे जबरन काम करवाया जा रहा है। पिछली कार्रवाई में भी पांच बाल मजदूरों को छुड़ाया गया था।
पुलिस को सूचना मिली थी कि पुनागाम सीताराम सोसायटी के मकान नंबर एबी/316 और बी/314 में साड़ी के काम में बाल मजदूरों को रखा गया है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने इन दोनों घरों पर छापा मारा और छह बाल मजदूरों को मुक्त कराया।
पुलिस जांच में सामने आया कि दिलीपसिंह वरदीसिंह राजपूत (42 वर्ष) और सुरेसिंह नाथूसिंह खरवड़ (24 वर्ष), दोनों ही राजस्थान के राजसमंद जिले के रहने वाले हैं, इन बच्चों को लाकर साड़ी के काम में लगाते थे। बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्हें कई महीने पहले उदयपुर से सूरत लाया गया था और उनसे रोजाना 12 घंटे काम करवाया जाता था, जिसके बदले उन्हें सिर्फ 200 रुपये मिलते थे।
पूना पुलिस ने दोनों साड़ी कारखाना मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। बाल मजदूरों के फिर से मिलने के बाद पुलिस ने सांचा विभाग में भी बाल श्रम की आशंका के चलते गहन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जो आने वाले दिनों में औद्योगिक क्षेत्रों में भी जारी रहेगा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बाल श्रम को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए नागरिकों को भी आगे आना होगा और यदि वे कहीं भी बाल श्रम देखते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। कानून के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी प्रकार का काम करवाना और 14 से 18 वर्ष के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों में नियुक्त करना अपराध है, जिसके लिए भारी जुर्माना और कारावास की सजा का प्रावधान है।