सूरत :  तापी नदी का जल स्तर बढने पर कदरशा नाल क्षेत्र में जलजमाव

मेट्रो संचालन के दौरान जलभराव होने से लोगों को काफी परेशानी 

सूरत :  तापी नदी का जल स्तर बढने पर कदरशा नाल क्षेत्र में जलजमाव

कुछ समय पहले जब सूरत में भारी बारिश हुई थी तो शहर के कई इलाकों में पानी भर गया था, लेकिन यह पहली बार था कि कदरशा नाल क्षेत्र में जलजमाव नही हुआ। लेकिन आज शहर में बारिश नहीं हुई और जैसे ही तापी नदी का जलस्तर बढ़ा तो बाढ द्वार बंद कर दिए गए। जिसके कारण गटर का पानी कादरशा नाल में वापस आ गया और पूरे इलाके में गटर के पानी से सडक लबालभ हो गई। मुख्य जल निकासी व्यवस्था में सीवर के अवैध कनेक्शन के कारण बिना बारिश के कादरशा नाल क्षेत्रे में पानी भरने से बैक वाटर की शिकायत आ रही है। 

सूरत से होकर गुजरने वाली तापी नदी पर बने उकाई बांध से पानी छोड़ने के कारण तापी नदी पर बने पांच बाढ़ द्वार बंद कर दिए गए हैं। इन पांच बाढ़ द्वारों में से मक्काईपुल स्थित बाढ़ द्वार को भी बंद कर दिया गया है। मक्काईपुल स्थित बाढ़ द्वार शहर के कादरशा नाल सहित कई क्षेत्रों का बरसात का पानी तापी नदी में प्रवाहित होता है। तापी नदी का जलस्तर बढ़ा होने से नदी का पानी शहर में प्रवेश नही करे इस लिए बाढ़ द्वार बंद कर दिया गया है। शहर में बारिश नहीं हुई है, लेकिन सीवेज जमा हो गया है जिसका पानी सडक पर बह रहा है। 

फिलहाल कादरशानी नाला समेत इलाके में मेट्रो का काम चल रहा है और बैरिकेड्स लगाए गए हैं और सड़कें भी काफी उबड़-खाबड़ हैं। इस समय बाढ़ की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। यह पानी सीवेज का होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। लोगों की शिकायत है कि भारी बारिश के दौरान यहा बरसाती पानी नहीं भर पाया, जबकि फ्लडगेट बंद हो जाते हैं और सीवरेज बैक हो जाता है, इसलिए बरसाती पानी के साथ गटर का पानी भी सडक पर बेक होने लगता है। 

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