गुजरात : श्रद्धालुओं की आस्था के अनुरूप व्यवस्था करना ही हमारा उद्देश्य : सचिव आर.आर. रावल
अंबाजी मेला : भाद्रपद पूर्णिमा मेला 23 से 29 सितंबर तक, दिव्य, अद्भुत रोशनी से जगमगा उठेगा अंबाजी, हर तरफ नजर आएगी माताजी की झलक
मेले को लेकर गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड की तैयारियां जोरों पर, इस वर्ष 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
गुजरात में हर साल अंबाजी में भाद्रपद पूर्णिमा को आयोजित होने वाले परंपरागत मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिनमें से अधिकतर पैदल श्रद्धालु होते हैं। इस वर्ष 23 से 29 सितंबर के दौरान आयोजित होने वाले इस भव्य मेले में लगभग 40 लाख से अधिक पैदल यात्रियों के पहुंचने का अनुमान है। अंबाजी में इस वर्ष आयोजित वाले भाद्रपद पूर्णिमा मेले में श्रद्धालुओं की सुविधाओं में बड़े पैमाने पर वृद्धि की जाएगी। साथ ही, आगंतुकों के आकर्षण के लिए कई विशेष व्यवस्थाएँ भी की गई हैं जिनमें से एक है अद्भुत और दिव्य प्रकाश की व्यवस्था। इस मेले के दौरान पूरे अंबाजी में रोशनी की ऐसी जगमगाहट की जाएगी कि भक्तों को चारों ओर माताजी की झलक दिखाई देगी।
गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड (जीपीवाईवीबी), श्री आरासुरी अंबाजी देवस्थान ट्रस्ट और बनासकांठा जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से तीर्थयात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सेवा के भाव से इस राज्य स्तरीय मेले की जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं। यात्राधाम विकास बोर्ड के सचिव आर.आर. रावल ने इस विषय पर बताया कि, “तीर्थयात्रियों की आस्था के अनुरूप व्यवस्था बने, यही हमारा उद्देश्य है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2023 के अंबाजी भाद्रपद पूर्णिमा के मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्था के लिए आवश्यक वित्तीय आवंटन करेगी।
इस वर्ष श्रद्धालुओं की सुविधाओं में होगी बड़े पैमाने पर वृद्धि
श्री रावल ने अंबाजी मेले को लेकर की जा रही व्यवस्था और सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, इस वर्ष अंबाजी आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं में बड़े पैमाने पर वृद्धि की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सभी विभागों के तमाम कार्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए योग्य कार्यवाही की गई है। साथ ही, गत वर्ष की तुलना में विभिन्न आयोजनों में भी वृद्धि की गई है।
इस वर्ष इन सुविधाओं में हुई वृद्धि
अंबाजी पैदल श्रद्धालुओं के लिए पिछले वर्ष 4000 वर्ग मीटर क्षेत्र में वाटरप्रूफ डोम की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष इसमें बढ़ोतरी कर 9000 वर्ग मीटर क्षेत्र का समावेश किया गया है। इसके कारण और अधिक श्रद्धालु आराम कर सकेंगे। चार अलग-अलग स्थलों पर बनने वाले इन चार वाटरप्रूफ डोम में श्रद्धालुओं के लिए लगभग 1200 पलंग की सुविधा की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, एक और मल्टीपर्पज डोम, शौचालय, सीसीटीवी कैमरा, मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था, हाउस कीपिंग सर्विस, सड़क संकेतकों, फ्लोर कारपेट, फ्लैग पोल, पीने के पानी की व्यवस्था सहित इलेक्ट्रिफिकेशन और अग्निशमन उपकरणों की भी व्यवस्था की जा रही है।
हडाद और दांता, इन दोनों सड़कों पर शौचालय एवं बाथरूम की व्यवस्था की जा रही है, जहां यात्रियों की सुविधा के लिए गरम पानी की भी व्यवस्था उपलब्ध होगी। गत वर्ष शौचालय की संख्या 18 थी, जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 29 किया गया है। ये सभी शौचालय कंटेनर टाइप अपडेटेड स्पेसिफिकेशन युक्त होंगे।
चाक-चौबंद सुरक्षा तथा पार्किंग व्यवस्था
मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की जाएगी। वाहन लेकर आने वाले यात्रियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। मेले के दौरान चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एक समान लाइटिंग (40-50 लक्स), अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरा, उचित सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (पीए सिस्टम) और पुलिस के लिए टेंट की व्यवस्था के साथ व्यापक 2,00,000 वर्ग मीटर क्षेत्र को कवर करते हुए पार्किंग क्षेत्र में वृद्धि की गई है।
अंबाजी की दोनों सड़कों पर आश्रय स्थानों की सुविधा और पेयजल की सुविधा को सुव्यवस्थित पेवर ब्लॉक फ्लोरिंग के साथ अपग्रेड किया गया है। मेले में होर्डिंग, सड़क संकेतकों और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए एक समान थीम आधारित गुणवत्ता में सुधार किया गया है। पिछले साल के 1500 वर्ग मीटर के बजाय इस साल 4500 वर्ग मीटर तक प्रचार-प्रसार का कार्य किया जाएगा।
दिव्य और अद्भुत रोशनी से जगमगाएगा अंबाजी परिसर
गब्बर रूट, अंबाजी मंदिर और आसपास के क्षेत्रों के लिए लाइटिंग की डिजाइन में सुधार कर इस वर्ष अद्भुत और दिव्य रोशनी की व्यवस्था की जाएगी, जिससे श्रद्धालु सभी स्थलों पर माताजी की झलक देख सकें। इसके अलावा, प्रचार-प्रसार के लिए गुणवत्ता युक्त फ्लैग पोल की संख्या को 100 से बढ़ाकर 300 किया गया है तथा पुष्पों से सुशोभित पौधों की संख्या भी 250 से बढ़ाकर 2000 की गई है।
इस वर्ष विभिन्न क्राफ्ट स्टॉल में एकरूपता लाकर एक ही डिजाइन की पैटर्न पर उन्हें वाटरप्रूफ बनाया जाएगा। प्रसाद वितरण केंद्र भी सामान्य के बजाय अद्यतन बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं, एक क्यूआर कोड भी तैयार किया जाएगा, जिसे स्कैन करने से उपलब्ध सुविधाओं से संबंधित सभी जानकारियां लोकेशन के साथ मिल जाएगी। इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सेल्फी पॉइन्ट भी तैयार किए जाएंगे।
बेहतरीन सफाई व्यवस्था
अंबाजी में बेहतरीन स्वच्छता के काम में 750 से अधिक सफाईकर्मी शामिल होंगे। वर्तमान में गब्बर पर्वत की सफाई का कार्य करने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है। अंबाजी जाने वाले पैदल यात्रियों के लिए मोबाइल टॉयलेट, बाथरूम तथा शौचालय की व्यवस्था की जा रही है। गांधीनगर से अंबाजी के रूट में तथा अलग-अलग रूटों पर भी एक निश्चित दूरी पर अस्थाई टॉयलेट ब्लॉक, बाथरूम और गरम पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अंबाजी यात्राधाम में कुल 1,95,256 वर्ग मीटर क्षेत्र में उच्च स्तरीय स्वच्छता-सफाई का कार्य किया गया है। केवल मंदिर ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों, गब्बर हिल, 51 शक्तिपीठ परिक्रमा क्षेत्र तथा श्रद्धालुओं की भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों का समावेश कर सफाई का कार्य शुरू किया गया है।
इसके अलावा, भाद्रपद पूर्णिमा में श्री आरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट के सुझाव के अनुसार बोर्ड की ओर से अतिरिक्त सफाईकर्मी उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अंतर्गत इस वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा के दौरान काफी बड़े पैमाने पर पैदल यात्री संघ और श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना को देखते हुए अंबाजी में स्थायी रूप से चलने वाले सफाई कार्य के सिवाय यात्राधाम बोर्ड के द्वारा 750 अतिरिक्त सफाईकर्मी उपलब्ध कराने का आयोजन किया गया है। स्वच्छता के लिए अहमदाबाद महानगर पालिका तथा मेहसाणा और पालनपुर नगर पालिका से भी आधुनिक तकनीक वाली मशीनें मंगवाकर सफाई कार्य किया जाएगा।