राष्ट्रीय वन शहीद दिवस: गांधीनगर में गुजरात के प्रथम 'वनपाल स्मारक' का लोकार्पण

वन और वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन के दौरान शहीद गुजरात के 8 वन बलिदानियों को मुख्यमंत्री और वन मंत्री ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस: गांधीनगर में गुजरात के प्रथम 'वनपाल स्मारक' का लोकार्पण

गांधीनगर, 11 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को ‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ के अवसर पर गांधीनगर स्थित वन चेतना केंद्र में गुजरात के प्रथम 'वनपाल स्मारक' का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री समेत वन मंत्री मुलूभाई बेरा आदि ने वन और वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के दौरान बलिदान देने वाले गुजरात के 8 वन बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके सम्मान में दो मिनट का मौन धारण किया। मुख्यमंत्री ने वनपाल स्मारक के लोकार्पण अवसर पर उपस्थित वन बलिदानियों के परिजनों से मिलकर उनसे बातचीत की। मुख्यमंत्री ने इन परिवारों से संवेदनापूर्ण संवाद भी किया और परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की जानकारी ली।

केंद्र सरकार द्वारा वन और वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के दौरान शहीद हुए वन विभाग के फ्रंटलाइन स्टाफ जैसे वन रक्षक, वनपाल, परिक्षेत्र वन अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के सम्मान में 2013 से प्रत्येक वर्ष 11 सितंबर को "राष्ट्रीय वन शहीद दिवस" (नेशनल फॉरेस्ट मार्टयर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। D11092023-04

वन विभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारी अपने जीवन की परवाह किए बिना लगातार वन और वन्यजीवों का संरक्षण और संवर्धन कर रहे हैं। वे अतिक्रमण, लकड़ी चोरी, अवैध कटाई, वन्यजीवों के अवैध शिकार को रोकने और वन्यजीव-मानव घर्षण को रोकने के लिए काम करते हैं और इस दौरान कुछ अवसरों पर वे अपने जीवन का बलिदान भी दे देते हैं। ऐसे वीर वनकर्मियों की स्मृति को चिरंजीवी रखने के लिए गांधीनगर के सेक्टर-30 स्थित वन चेतना केंद्र में इस वनपाल स्मारक का निर्माण किया गया है।

‘वनपाल स्मारक’ के लोकार्पण के अवसर पर गांधीनगर के महापौर हितेश मकवाना, विधायक रीटाबेन पटेल, वन पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव संजीव कुमार, हेड ऑफ द फॉरेस्ट फोर्स एस.के. चतुर्वेदी एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित शहीदों के परिजनों ने भी वन बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।