सूरत : गाय के गोबर से बनी श्रीजी की मूर्तियों की मांग बढ़ी, इस साल 7 हजार मूर्तियां बिकीं

पिछले एक-दो साल से पर्यावरण अनुकूल मूर्ति खरीद पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता

सूरत : गाय के गोबर से बनी श्रीजी की मूर्तियों की मांग बढ़ी, इस साल 7 हजार मूर्तियां बिकीं

सूरत शहर में पिछले कुछ वर्षों से गणेशजी की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित कर घर के पास ही विसर्जन का चलन बढ़ गया है। अब गोबर और बीज वाली मूर्तियों की मांग भी बढ़ गई है। प्रतिमा में बीज भी डाले जा रहे हैं। मूर्ति का निस्तारण करने के बाद मिट्टी को एक गमले में डाल दें और उसमें से पौधा उग आएगा। जब गोबर की मूर्ति घुल जाती है तो पानी का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।

गौशाला के मैनेजर और गोबर की मूर्ति बनाने वाले राजेश वसावा ने बताया कि गोबर की मूर्ति बनाने का विचार एक साल पहले आया था। गोबर को सुखाकर उसका पाउडर बनाया जाता है। जिससे प्रतिमा का निर्माण किया जाता है। 1 फुट से लेकर ढाई फुट तक के आकार के होती है गोबर से निर्मित प्रतिमाएं। इन इको फ्रेन्डली प्रतिमाओं का रंग भी पर्यावरण के अनुकूल ही होता है।

पिछले साल 1000 मूर्तियां बिकी थीं, इस बार अब तक 7000 मूर्तियां बिक चुकी हैं। अभी भी ऑर्डर मिल रहे है। इस मूर्ति के लिए शहर के अलावा दुर दुर से और महाराष्ट्र से भी ऑर्डर आ रहे हैं। मूर्ति को घर पर एक पैन में विसर्जित किया जा सकता है और गोबर के पानी को पौधों में उर्वरक के रूप में लगाया जा सकता है।

वेसु नंदिनी में 2009 से एक सामाजिक संदेश थीम के साथ गणेश उत्सव मनाया जाता हैं। दुरजराज के अंदरूनी आदिवासी इलाकों के बच्चों के लिए साइकिल, किताबें दान के साथ-साथ कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जाता है। इस वर्ष कवि शंभु शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस वर्ष गोबर से बनी प्रतिमा का विसर्जन परिसर में ही करेंगे।

गणेशोत्सव के दौरान सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया जाएगा

अडाजण गार्डन ग्रुप के हर्ष मेहता ने बताया कि इस बार सनातन धर्म की थीम बनाई जाएगी। प्रतिदिन आरती के बाद विभिन्न धर्मसभाओं में धर्म का प्रचार किया जायेगा। युवा तिलक लेकर निकलेंगे और बच्चों को तिलक का महत्व समझाया जाएगा।

मोटा वराछा में नशा छुड़ाने वाले सुदामा का राजा

मोटा वराछा सुदामा चौक पर  'व्यसन मुक्त कर्ता विघ्नहर्ता सुदामा का राजा' के नाम से  गणेश उत्सव का आयोजन किया गया है। इस गणेश पंडाल में अयोध्या के राम मंदिर की 40x20 फीट की 3-स्तरीय प्रतिकृति का थ्रीडी स्ट्रक्टर, चार धाम की प्रतिकृति बनाऐंगे। । रात 8 से 10 बजे तक नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए नाटक का मंचन किया जाएगा।

बीजयुक्त मूर्ति मुंबई तक जाती है

मूर्तिकार राहुल राणा ने कहा कि हम ऑर्डर के अनुसार पौधों के बीज मूर्ति बनाते समय मिट्टी में डालते हैं। जिसमें अधिकतर तुलसी के बीज होते है। इसके अलावा फूल वाले पौधों के बीज रोपे जाते हैं। ऐसी मूर्ति के विलीन होने के बाद बीजों को पानी मिलता है और वे अंकुरित हो जाते हैं। धीरे-धीरे लोगों के बीच इसकी मांग बढ़ी है। सीडेड मूर्तियों के ऑर्डर अंकलेश्वर, वडोदरा, अहमदाबाद और मुंबई से भी आते हैं।

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