
गुजरात की ई-सरकारः स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते कदम
अब तक 6700 से अधिक कार्यालयों में ई-सरकार कार्यरत है, जिसमें 1 लाख से अधिक सक्रिय यूजर्स हैं
गांधीनगर, 10 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह दृढ़ विश्वास है कि “सुशासन किसी भी राष्ट्र की प्रगति की कुंजी है। ‘सिटीजन फर्स्ट’ हमारा मंत्र, सूत्र और मार्गदर्शक सिद्धांत है।”
प्रधानमंत्री के सिद्धांत के अनुरूप गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी राज्य के प्रशासन में क्रांति लाने के लिए ‘ई-सरकार’ की व्यवस्था शुरू की है। यह व्यवस्था प्रशासन के सभी दैनिक कामकाज को स्वचालित करने के लिए शुरू की गई है, ताकि शुरुआत से लेकर अंत तक पेपरलेस प्रणाली सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए मुख्यमंत्री सहित सचिवालय और एचओडी यानी विभाग प्रमुख के 60 हजार से अधिक यूजर्स के लिए 50 से अधिक ऑनलाइन और 300 से अधिक ऑफलाइन सत्र आयोजित हुए हैं।
ई-सरकार के उद्देश्य
ई-सरकार का प्राथमिक उद्देश्य कार्य प्रवाह को अनुकूल बनाकर राज्य सरकार के विभागों की कार्यकुशलता में वृद्धि करना है। यह कार्यालय में आने वाली फाइलों, मेल यानी डाक तथा नागरिकों की शिकायतों की ट्रैकिंग और निगरानी के लिए एक मैकेनिज्म के रूप में भी कार्य करता है। ई-सरकार की मदद से रिसोर्स मैनेजमेंट सक्षम बनता है, जिससे प्रशासन में और अधिक गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहती है। यह सरकार की प्रतिक्रियाओं की कार्यक्षमता, एकरूपता और प्रभावशीलता में वृद्धि करता है। यह सिटीजन चार्टर में बताई गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के टर्नअराउंड टाइम (किसी प्रक्रिया या अनुरोध को पूरा करने में लगने वाला समय) को कम करने में भी सहायक होता है। अब तक 6700 से अधिक कार्यालयों में ई-सरकार कार्यरत है, जिसमें 1 लाख से अधिक सक्रिय यूजर्स हैं।
ई-सरकार की मुख्य विशेषताएं और लाभ
ई-सरकार की कुछ मुख्य विशेषताओं में वॉयस-टू-टैक्स्ट कार्यक्षमता, विंडोज, एंड्रॉयड और आईओएस सहित समग्र प्लेटफॉर्म पर क्यूआर-कोड के माध्यम से ट्रैकिंग और सत्यापन, उपयोगकर्ताओं को मदद करने के लिए चैट बॉट सहायता तथा फाइलों और डाक की आसान ट्रैकिंग शामिल हैं। ई-सरकार की मदद से सभी फाइलों के स्टेटस का रीयल-टाइम ट्रैकिंग हो सकता है और हर कोई उस जानकारी को प्राप्त कर सकता है। इससे देखरेख आसान बनती है और उस पर लिए गए निर्णय की आसानी से निगरानी होने से जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है। ये सभी बातें सरकार की कार्यकुशलता में वृद्धि करती हैं।
ई-सरकार का मॉड्यूल
ई-गवर्नेंस पहल के रूप में, ई-सरकार सरकारी प्रक्रिया री-इंजीनियरिंग (जीपीआर) में निर्णायक भूमिका अदा करती है, जिससे नागरिकों को मिलने वाली सेवाएं और भी बेहतर बनती हैं। ई-सरकार के तीन विशेष मॉड्यूल हैं जिसमें ई-मेल, ई-फाइल, ऑफिस नोट, एमपी-एमएलए (सांसद-विधायक) संदर्भ, जीओआई (भारत सरकार) संदर्भ, ई-बैठक और समिति प्रबंधन का समावेश होता है।
विभागीय मॉड्यूल में एलएक्यू मैनेजमेंट, अवॉर्ड मैनेजमेंट, लीगल केस मैनेजमेंट, ऑडिट पैरा, रिकॉर्ड मैनेजमेंट, नॉलेज रिपॉजिटरी, एसेट मैनेजमेंट और सर्कुलर मैनेजमेंट शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक 29.75 लाख ई-मेल प्रोसेस किए जा चुके हैं और 8.39 लाख ई-फाइलों का संचालन किया गया है। इसके अलावा 3,30,876 ई-साइन पूरे हो चुके हैं।