राजकोट : सोनी बाजार में कारीगरों के अनिवार्य पंजीकरण की मांग

सोनी बाजार में 60 से 70 फीसदी कारीगर बंगाली हैं

राजकोट : सोनी बाजार में कारीगरों के अनिवार्य पंजीकरण की मांग

गुजरात एटीएस ने राजकोट में आतंकी गतिविधियों में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों लोग राजकोट सोनी बाजार में काम करते थे। अब सोनी मार्केट पर सवाल उठने लगे हैं। बंगाली कारीगरों से सोनी बाजार असुरक्षित होने का सवाल उठने लगे हैं। सोनी मार्केट में काम करने वाले कारीगरों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं होने से असुरक्षा की स्थिति पैदा हो गई है। घटना के बाद बंगाली कारीगरों के रजिस्ट्रेशन की मांग उठने लगी है। हर साल करोड़ों रुपये का सोना भी बंगाली कारीगर इधर-उधर कर देते हैं, जिसका नुकसान स्थानीय व्यापारियों को उठाना पड़ता है।

सोनी बाजार में 60 से 70 फीसदी कारीगर बंगाली हैं, ज्यादातर कारीगर रजिस्टर्ड ही नहीं हैं। कुछ व्यापारी विवरण छिपाने के लिए भी ऐसा करते हैं। लेकिन अब व्यापारियों की मांग है कि कारीगरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए। बंगाली शिल्पकार संघ के अध्यक्ष आलोक नाथ साहू ने टीवी9 से बात करते हुए कहा कि इसके लिए कारीगर और व्यापारी दोनों जिम्मेदार हैं। सस्ता मजदूर पाने के लिए गलती की जाती है। हालांकि इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है, लेकिन अनिवार्य नहीं होने के कारण फिलहाल ऐसा हो रहा है।

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