"नई फोस्टा" से कपड़ा व्यापारियों को है काफी उम्मीदेंं, हाकिम इनको देंगे प्राथमिकता
सूरत। 8 जुलाई को सम्पन्न हुयें फोस्टा चुनाव में कैलाश हाकिम (अग्रवाल ) के नेतृत्व वाले ४१ सदस्यीय पैनल ने एतिहासिक जीत हांसिल की।फोस्टा के इतिहास मे यह पहला मौका था जब चुनाव लड़ने वाले किसी पैनल को इतने बडे पैंमाने पर एक तरफा जीत हासिल हुई है तथा व्यापारियों ने चुनाव मे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।जीत के बाद हांलाकि अभी तक कमेटियों का गठन नही हुआ है तथा अभी तक पदाधिकारी तय नही हुये है तथापि सूरत के ८० हजार कपड़ा व्यापारियों को "नई फोस्टा" से काफी उम्मीदें है कपडा व्यापारियों को नई फोस्टा से जितनी उम्मीदें है, नई फोस्टा के समक्ष उससे कई गुना अधिक है "चुनौतियां" । ऐसे मे कैलाश हाकिम के नेतृत्व वाली फोस्टा की नईं कार्यकारिणी इन चुनौतियों से कैसे मुकाबला करेगी एवं किन समस्याओ को प्राथमिकता देंगी ? फोस्टा के नये तारणहार कैलाश हाकिम ने तमाम मुद्दों पर लोकतेज से खुलकर बात की।
कैलाश हाकिम ने बताया कि सूरत कपडा़ बाजार मे काफी समस्यायें है जिनमें से कुछ समस्याओं को प्राथमिकता देंगे।फोस्टा का संविधान बनाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी जिससे प्रत्येक व्यापारी को उसका हक मिले।कपड़ा बाजार में आर्थिक अपराध रोकने तथा दूसरे शहरों के कपडा मंडियो मे फंसे पेमेंट को निकलवाने मे कारगर नियमो को बनाने की दिशा मे सबसे पहले काम करेंगे।हाकिम ने कहा कि कपडा बाजार का फैशन बदल रहा है नित नये ट्रेंड के साथ व्यापार ग्रोथ कर रहा है एक समय मे साड़ी का ही बोलबाला था लेकिन अब नई पीढी का फैशन ट्रेंड कर रहा है।इसके लिये भी फोस्टा व्यापारियों को मोटीवेट करेगी, स्किल डेवलप की दिशा मे काम होगा तथा सेमिनार आयोजित किये जायेंगे।कपड़ा बाजार मे आने वाले रिटर्न गुड्स पर लगाम लगानी होगी।सीजन खत्म होने के बाद यहां के व्यापारियो के माल वापस आते है कपडा कारोबार के लिये यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है।उन्होने आगे कहा कि रोज नई समस्यायें खड़ी हो रही है लेकिन चुनाव संकल्प पत्र मे हमारे द्वारा उठाये गये सभी 17 प्वाइंट्स पर काम किया जायेगा।हाकिम ने जोर देते हुये कहा कि कपड़ा बाजार की समस्या़ओं पर काम करने के लिये कम से कम दो -तीन साल चाहिये एवं किसी भी कार्यकारिणी का कार्यकाल दो- तीन साल होना ही चाहिये जिसके लिये संविधान मे प्रारूप बनाया जायेगा।
शनिवार को तय होंगे पदाधिकारियों के नाम
चुनाव मे विकास पैनल को भले ही एकतरफा जीत हासिल हो गया हो लेकिन समितियों के गठन एवं पदाधिकारियो को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है।कैलाश हाकिम ने बताया कि अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष के नाम शनिवार को होनी वाली मीटींग मे आपसी सहमति से नाम तय होंगे उसके बाद समितियों का गठन होगा।फिलहाल शनिवार को अध्यक्ष,महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष के नाम का सस्पेंस खत्म हो जायेगा।
1500 प्रतिमाह मे नौकरी एवं उसके बाद ब्रोकरेज भी....
अपने मृदुभाषिता एवं सरल स्वभाव से कपडा बाजार मे सभी के चहेते बन चुके कैलाश हाकिम मूलत: राजस्थान मे झूंझूनू जिले के मलसीसर गांव से है।उन्होने वाणिज्य से स्नातक किया हुआ है और अध्ययन काल के दौरान आईएएस की तैयारी भी की।बहुत ही कम लोग जानते है कि एक अच्छे कारोबारी होने के साथ ही वे एक अच्छे गायक भी है।सूरत मे अपनी आरंभिक यात्रा के बारे मे उन्होने बताया कि वर्ष 1995 मे वे सूरत आये तथा सर्वप्रथम 28 मई 1995 को झांपा बाजार स्थित एक यार्न फर्म मे नौकरी ज्वाईन की।उस समय उनकी तनख्वाह महज 1500 रूपये थी लेकिन उनकी मेहनत एवं कार्य निष्ठा से खुश होकर उनके तनख्वाह को महज छ: माह मे 1500 से बढाकर १० हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया।उन्होने कुछ समय बाद ही यार्न फर्म से इस्तीफा देकर अपना खुद का यार्न ब्रोकरेज शुरू किया।पांच साल ब्रोकरेज करने के बाद सिल्क सिटी मार्केट मे कपडे़ की अपनी पहली दुकान खोली।अपने शालीन स्वभाव एवं मेहनत के बलबूते उन्होने उत्तरोत्तर प्रगति की।वर्ष 2017 मे अग्रवाल समाज का चुनाव लड़ा।समाज के वरिष्ठ लोग चुनाव मे उनके स्पर्धी थे।उस चुनाव में 86 प्रतिशत वोट पाकर उन्होने विजय हासिल की थी।