सूरत : आईटी/आईटीईएस 2023 कॉन्क्लेव चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित

सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग से किस कृषि क्षेत्र में अधिक फसल काटी गई है? इसके बारे में पता चल सकता है

सूरत : आईटी/आईटीईएस 2023 कॉन्क्लेव चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित

इसरो के निदेशक नीलेश एम. देसाई और प्रोफेसर डॉ. मेहुल एस. रावल और सुधीर नाइक ने आईटी क्षेत्र में शामिल उद्यमियों और पेशेवरों का मार्गदर्शन किया

 दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आईटी/आईटीईएस कॉन्क्लेव  का आयोजन किया गया। जिसमें अहमदाबाद में इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग अनुसंधान केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई एम. मुख्य अतिथि थे। प्रायोगिक शिक्षा के एसोसिएट डीन, अहमदाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मेहुल रावल और एस. एनफोचिप्स लिमिटेड के संस्थापक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के गुजरात चैप्टर के अध्यक्ष सुधीर नाइक विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित थे और उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी में शामिल पेशेवरों और उद्यमियों का मार्गदर्शन किया। इस कॉन्क्लेव के आयोजन में चैंबर की आईटी एंड कम्युनिकेशन कमेटी ने अहम भूमिका निभाई।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा, भारत वर्तमान में दुनिया में आईटी सेवा क्षेत्र में पहले स्थान पर है और दुनिया के कुल बाजार में इसकी बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है। भारत में, आईटी क्षेत्र वर्तमान में लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार देता है और भारत की कुल जीडीपी में आईटी क्षेत्र का योगदान लगभग 10 प्रतिशत है। गुजरात की बात करें तो गुजरात से 8000 करोड़ रुपये की आईटी से जुड़ी वस्तुओं का निर्यात होता है, जिसे बढ़ाने के लिए उद्यमियों और पेशेवरों को प्रयास करना होगा। उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए चैंबर द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

नीलेश एम. देसाई ने कहा कि अंतरिक्ष के पुर्जों के लिए एमएसएमई का यांत्रिक उद्योग शामिल था, जिसके जरिए जगह के लिए विभिन्न पुर्जों की आपूर्ति की जाती थी। आईटी क्षेत्र के उद्यमी अब अंतरिक्ष नीति और डेटा नीति के आधार पर कारोबार कर सकते हैं। अभी 40 फीसदी काम एमएसएमई के जरिए होता है। इसरो आईटी क्षेत्र में उद्यमियों और पेशेवरों को पूरी पृष्ठभूमि प्रदान करेगा। उन्होंने उन्हें कृषि अनुप्रयोग बनाने का सुझाव दिया और कहा कि इसरो इसमें मदद करेगा। उन्होंने आगे अंतरिक्ष और रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर की भूमिका और अवसरों के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने सैटेलाइट कम्युनिकेशन, अर्थ ऑब्जरवेशन, नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस टेक्नोलॉजी और क्वांटम फ्रंटियर टेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के वैज्ञानिक शशिकांत शर्मा ने कहा कि सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग में रडार डेटा का इस्तेमाल पूरे क्षेत्र की जानकारी हासिल करने के लिए किया जा सकता है। भारत के किस क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में अधिक फसल काटी गई है? इसके बारे में पता चल सकता है। उन्होंने उद्यमियों को डेटा एनालिटिक्स और सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग की विस्तृत जानकारी दी।

डॉ. मेहुल एस. रावल ने कहा कि इंटरेक्शन के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग प्रोग्राम किए जाते हैं। इस कार्यक्रम को पर्यावरण के आधार पर विभिन्न तरीकों से सीखा जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के अलग-अलग डोमेन हैं। डेटा फीड होते ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखता है, इसलिए एआई एल्गोरिदम में सही डेटा फीड करना महत्वपूर्ण है। भारतीय और वैश्विक बाजारों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सॉफ्टवेयर के लिए क्या अवसर हैं और स्टार्टअप इन अवसरों को कैसे भुना सकते हैं? इसकी जानकारी उद्यमियों को दी गई।

सुधीर नाइक ने कहा कि किसी बिजनेस को बढ़ाने के लिए मार्केट, कैपेसिटी बिल्डिंग (टैलेंट) और पैसा जैसी तीन चीजें जरूरी हैं। ये तीनों चीजें गुजरात में मिलती हैं। आईटी सेक्टर में टेक्नोलॉजी हर छह महीने में बदलती है। उद्यमी सही दिशा में कितना प्रयास करते हैं, यह व्यवसाय को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होता है। तो वह आईटी/आईटी/इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद व्यवसाय कैसे बढ़ा सकता है? इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इसके अलावा गुजरात राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन के आईसीटी अधिकारी हर्ष गुर्जर ने इलेक्ट्रॉनिक नीति की जानकारी दी। जबकि संचालनालय आईसीटी एवं शासन के आईसीटी अधिकारी महेश राघवानी ने आईटी नीति की जानकारी दी।

कॉन्क्लेव में चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसिडेंट इलेक्ट रमेश वघासिया और वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट विजय मेवावाला मौजूद थे। मानद मंत्री भावेश टेलर ने विशेषज्ञ वक्ता सुधीर नाइक का परिचय कराया। जबकि ग्रुप चेयरमैन बशीर मंसूरी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सभी  का आभार व्यक्त किया। गणपत धमेलिया, अध्यक्ष आईटी और चैंबर की संचार समिति ने मुख्य अतिथि नीलेश देसाई का परिचय कराया।

चैंबर की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. वंदना शाह और पुनीत गजेरा, सह-अध्यक्ष, आईटी और संचार समिति ने सम्मेलन का संचालन किया। पुनीत गजेरा विशिष्ट अतिथि डॉ. मेहुल रावल को भी पेश किया गया। कॉन्क्लेव में आईटी क्षेत्र से जुड़े 50 से अधिक उद्यमियों और पेशेवरों ने भाग लिया, जिनके विभिन्न सवालों के जवाब विशेषज्ञों ने दिए और कॉन्क्लेव का समापन हुआ।

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