सूरत  : नगर निगम के स्कूल शिक्षकों की अनूठी सौगात, स्ट्रीट लाइट के नीचे होमवर्क कर रहे छात्रों के घर में लगाया 'सोलर सिस्टम'

झुग्गी झोपड़ी में पहली बार बिजली का प्रकाश देखकर परिजन खुशी से झूम उठे

सूरत  : नगर निगम के स्कूल शिक्षकों की अनूठी सौगात, स्ट्रीट लाइट के नीचे होमवर्क कर रहे छात्रों के घर में लगाया 'सोलर सिस्टम'

गोडादरा के डॉ. अब्दुल कलाम स्कूल के शिक्षकों ने चंदा इकट्ठा कर खेतिहर मजदूरों और घर में पढ़ने वाले छात्रों की झोपड़ियों में सोलर पैनल लगवाए

सूरत नगर निगम प्रबंधित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के गोडादरा के एक स्कूल के शिक्षकों ने अपने स्कूल में पढ़ने वाले गरीब छात्रों के लिए एक अनोखा दान किया है। खेतमजूर अभिभावक के घर में रोशनी नहीं होने के कारण उन्होंने स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ाई कर रहे बच्चों की झुग्गी झोंपड़ी में सोलर पैनल लगाकर उनके जीवन में उजाला लाने का काम किया है।

गोडादरा के डॉ. अब्दुल कलाम स्कूल के शिक्षकों ने पैसा इकट्ठा कर खेतिहर मजदूरों की झोपड़ियों में सोलर पैनल लगवाए हैं। रोशनी के उजाले में छात्र घरों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षकों के साथसोलर पैनल के कर्मचारियों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग दिया।

सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति में इतने विवाद हैं कि समिति द्वारा किए गए अच्छे काम भी भारी पड़ जाते हैं। हालांकि कुछ स्कूलों के शिक्षकों-प्राचार्यों द्वारा प्रसिद्धि का लालच छोड़कर कई अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। अपने खर्चे पर परीक्षा का आयोजन कर छात्रों में से परीक्षा का भय दूर करने वाले डॉ. अब्दुल कलाम प्राथमिक विद्यालय गोडादरा के शिक्षकों ने छुट्टी के दौरान उनके स्कूल में पढ़ाई करते छात्रों के  घर में रोशनी कर छात्रों को पढ़ाई में मदद करने का काम किया है।।

देवीपुत्र विक्रम विजयभाई, देवीपुत्र पूनम विजयभाई और देवीपुत्र सीमा विजयभाई गोडादरा के इस स्कूल में पढ़ने वाले मेधावी छात्र हैं। जब उनके क्लास टीचर हसमुखभाई पटेल बेहतर पढ़ाई के लिए उनके घर आए तो वे चौंक गए। पढ़ाई में मेधावी ये छात्र खेतिहर मजदूरों के बेटे हैं। वे पर्वत पटिया क्षेत्र के एक खेत में बनी झुग्गी झोपड़ी में बिना बिजली के रहते हैं। आगे की पड़ताल में सामने आया कि ये छात्र स्ट्रीट लाइट की रोशनी में अपनी स्कूली पढ़ाई और अन्य पढ़ाई करते हैं।

वर्तमान में ये छात्र कक्षा 6 की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर सातवीं कक्षा में आए हैं, इसलिए कक्षा शिक्षक हसमुखभाई ने प्राचार्य दीपक त्रिवेदी से छात्रों की स्थिति के बारे में बात की। स्कूल में यह चर्चा देखकर शिक्षकों ने इन गरीब छात्रों के घरों में अपने खर्चे से सोलर पैनल लगाने का फैसला किया।

शिक्षकों को अनुमान लगाते समय पता था कि इसमें करीब 15 हजार का खर्च आएगा। शिक्षकों ने आशीषभाई धनानी नाम के व्यक्ति को खेतिहर मजदूरों की झोपड़ियों में सोलर पैनल लगाने के लिए पैसे दिए थे। नगर निगम के स्कूल के शिक्षकों के इस जज्बे को देखकर आशीषभाई धानाणी ने भी 15 हजार की जगह 8 हजार में पैनल लगाकर इस सेवा में अपना योगदान दिया।

इस प्रकार सरकारी स्कूल के शिक्षकों के सदभाव से खेतिहर मजदूर की झोपड़ी में रहने वाले छात्र स्ट्रीट लाइट की जगह सोलार पैनल की रोशनी में पढ़ाई करेंगे और चूंकि ये छात्र पढ़ाई में अव्वल हैं इसलिए इस स्कूल के शिक्षक भविष्य में भी उनकी मदद करने के लिए तत्परता दिखाई है।

झोपड़ी में पहली बार बिजली का प्रकाश देखकर परिजन खुशी से झूम उठे

सूरत नगर पालिका के गोडादरा स्कूल के शिक्षकों द्वारा किए गए अनोखे सेवा यज्ञ के कारण एक श्रमिक वर्ग की झुग्गी में बिजली पहुंचाने में सफलता मिली है। इस श्रमजीवी वर्ग की झोंपड़ी में पहली बार बिजली देखकर परिवार के सदस्य खुशी से झूम उठे। इस सोलर पैनल के जरिए छात्र के घर में दो बल्ब और एक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट लगाया गया है, ताकि वे रात में खाना बनाने और बच्चों की पढ़ाई में उनकी मदद कर सकें।

अपने स्कूल के गुरुदेव द्वारा दिए गए एक अनोखे उपहार के कारण मजदूर वर्ग की झुग्गी में पहली बार रोशनी देखी गई है। पहली बार जब उनका घर बल्ब की रोशनी से जगमगाया तो घर के सभी सदस्यों के चेहरे पर खुशी और खुशी देखकर शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया कि उनका काम सफल रहा।

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