सूरत :  नए और पुराने निर्माण में ई-चार्जिंग की व्यवस्था की जाएगी

ई-वाहनों के रखरखाव के लिए सूरत में ही कौशल प्रशिक्षण देने की योजना है

सूरत :  नए और पुराने निर्माण में ई-चार्जिंग की व्यवस्था की जाएगी

पार्किंग स्थल पर ही ई-वाहन चार्जिंग के लिए पोल माउंटेड चार्जिंग कॉन्सेप्ट अपनाया जाएगा

नए आविष्कारों को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले सूरत के लोगों द्वारा सूरत को आने वाले दिनों में ई-व्हीकल सिटी बनाया जाएगा। पिछले साल गुजरात के एक तिहाई से अधिक सूरत शहर में 21,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए थे। सूरत शहर पूरे देश में ई-वाहनों के मामले में अग्रणी बनता जा रहा है।

वर्तमान में सूरत शहर में 33,870 इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं। जो गुजरात में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों का 34 प्रतिशत और भारत में 3 प्रतिशत है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए सूरत में दिखाए गए उत्साह को देखते हुए केंद्र सरकार ने सूरत को देश का 9वां ई-वाहन शहर बनाने की योजना में शामिल किया है। अ

ब इसके लिए सूरत शहर की ओर से भी कवायद शुरू कर दी गई है। आने वाले दिनों में सूरत के सभी नवनिर्मित अपार्टमेंट में ई-व्हीकल चार्जिंग की सुविधा दी जाएगी। संभावनाः आने वाले दिनों में सूरत में पेट्रोल पंपों से ज्यादा ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन होंगे।

इस पर नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से सूरत शहर में इलेक्ट्रिक वाहन बढ़ रहे हैं, उनकी चार्जिंग सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है।  शहर के विभिन्न स्थानों पर लोगों को ई-वाहनों की चार्जिंग सुविधा आसानी से उपलब्ध कराने के लिए बैठक बुलाई गई थी।

बिल्डर्स बॉडी क्रेडाई के अधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया और चर्चा की गई कि नई परियोजनाओं में ई-वाहनों के लिए चार्जिंग कैसे प्रदान की जाए। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। जिसमें नगर निगम अग्निशमन विभाग, विद्युत विभाग व नगर विकास विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है।

सार्वजनिक क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन के लिए क्या नियम होने चाहिए, इसके लिए प्राइवेट सोसायटी इस समिति के माध्यम से दिशा-निर्देश तैयार करेगी। साथ ही मनपा तय करेगी कि इन दिशा-निर्देशों को कैसे लागू किया जा सकता है और उन्हें कैसे मंजूरी दी जाए। आने वाले दिनों में मनपा द्वारा चेंबर ऑफ कॉमर्स, टेक्सटाइल, डायमंड, ई-व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स, बैंकों के साथ सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे ताकि ये अलग-अलग समूह निर्माताओं से सीधे ई-व्हीकल प्राप्त कर सकें और बैंकों के साथ आसानी से लोन प्रोसेसिंग कर सकें। साथ ही मौजूदा पुरानी सोसायटियों में ई-वाहनों को चार्ज करने की सुविधा कैसे सृजित की जा सकती है, इस पर भी नगर निगम नियम बनाएगा।

नगर आयुक्त ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि पोल माउंटेड चार्जिंग की अवधारणा पर विचार किया जा रहा है ताकि लोग अपने वाहनों को उसी स्थान पर चार्ज कर सकें जहां शहर में टु व्हिलर वाहन बड़ी मात्रा में खड़े होते हैं। फिलहाल केरल में यही अवधारणा है। इसलिए वहां की एजेंसी से विचार-विमर्श कर पायलट बेसिस पर इस कॉन्सेप्ट पर काम किया जाएगा। ताकि पार्किंग में ही वाहन चार्ज हो जाएं।

ई-वाहनों के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए रोजगार बढ़ना तय है। जिसके लिए मनपा विश्वविद्यालय के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ताकि लोगों को यहां ई-वाहन की सुविधा मिले। जिसके लिए मनपा प्रशिक्षण देगी।

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