सूरत : रूस, केनेडा और अमेरिकी पियेंगे अमरस!

सूरत एपीएमसी मार्केट की एक नई पहल

सूरत : रूस, केनेडा और अमेरिकी पियेंगे अमरस!

आम का पल्प निकालने का संचालन शुरू, देश विदेश में डब्बाबंद आम रस पहुचेंगा

सूरत एपीएमसी में मैंगो पल्प का संचालन शुरू कर दिया गया है। पहले दिन 25 टन आम की पेराई की गई। एपीएमसी अध्यक्ष संदीप देसाई समेत संगठन के तमाम निदेशकों की उपस्थिति में  मैंगो पल्प निकालने का शुभारंभ हुआ है। पूरे साल संग्रह करके रखा जाए इस लिए सूरत एपीएमसी में मैंगो पल्प का उत्पादन शुरू हो गया है। इस आम के पल्प की मांग पूरे गुजरात के साथ-साथ समग्र देश और विदेश में केनेडा, रूस तथा अमेरिका जैसे देशों में भी है।

कच्चे आम किसानों से खरीदे जाते हैं और पकने के बाद उनका पल्प बनाया जाता है। मैंगो पल्प को इस तरह से पैक किया जाता है कि यह लंबे समय तक ताजा बना रहे। इस साल यह ऑपरेशन 15 दिन पहले शुरू किया गया है। इस सीजन में प्रतिदिन 20 से 25 टन आम का पल्प बनाने की योजना है। 

एपीएमसी के अध्यक्ष संदीप देसाई ने पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि हर साल की तरह इस साल भी एपीएमसी के प्लांट में आम से पल्प निकालने का संचालन शुरू किया गया है। मैंगो पल्प ऑपरेशन सीजनल होने के कारण इस साल पिछले साल की तुलना में करीब 15 दिन पहले ऑपरेशन शुरू किया गया है। 

विदित हो कि सूरत एपीएमसी में तैयार आम के पल्प का विदेशों में निर्यात किया जाता है और विदेशी बाजारों के साथ-साथ घरेलू बाजारों में भी इसकी भारी मांग रही है। पहले दिन लगभग 25 टन आमों की पेराई की गई। एपीएमसी की टीम द्वारा एक ठोस योजना बनाई गई है कि सीजन के दौरान प्रतिदिन 20 से 25 टन आमों की पेराई की जाएगी।

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