पिछले 9 वर्षों में हमने भर्ती प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया : प्रधानमंत्री मोदी

भर्ती प्रणाली में बदलाव से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ

 पिछले 9 वर्षों में हमने भर्ती प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि पिछले 9 वर्षों में सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज, ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने को लेकर प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रणाली में बदलाव से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्ती के लिए युवाओं को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र पत्र प्रदान किये। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सभी भर्ती किए गए युवाओं और उनके परिवार को अपनी शुभकामनाएं दीं।

अपने संबोधन में गुजरात जैसे राज्यों में हाल के रोजगार मेले को याद करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में ये मेले युवाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भर्ती प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने नई भर्तियों को शामिल करने में मोटे तौर पर 15-18 महीने का समय लिया, जबकि आज इसमें केवल 6-8 महीने लगते हैं।

उन्होंने कहा, “पहले सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करना मुश्किल होता था, फॉर्म लेने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता था। आज आवेदन करने से लेकर नतीजे आने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। आज दस्तावेज को स्व-सत्यापन करना भी पर्याप्त होता है। ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार भी खत्म हो गए हैं। इन सारे प्रयासों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।”

प्रधानमंत्री ने आज की तारीख के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ठीक नौ साल पहले इसी तारीख 16 मई 2014 को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे। प्रधानमंत्री ने उस दिन के उत्साह को याद करते हुए कहा कि सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ कदम बढ़ाने वाला भारत आज विकसित भारत बनने के लिए प्रयास कर रहा है।

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज सिक्किम का स्थापना दिवस भी है। उन्होंने कहा कि इन 9 वर्षों के दौरान रोजगार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की नीतियां बनाई गईं। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो या ग्रामीण विकास, सरकार की हर योजना और नीति युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले नौ साल में सरकार ने पूंजीगत व्यय और बुनियादी सुविधाओं पर करीब 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस साल के बजट में भी पूंजीगत व्यय के लिए 10 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इस राशि के परिणाम स्वरूप नए राजमार्ग, नए हवाई अड्डे, नए रेल मार्ग, पुल आदि जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है। इससे देश में कई नई नौकरियां पैदा हो रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की गति और उसका पैमाना स्वतंत्र भारत के इतिहास में अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि पिछले नौ वर्षों में 40 हजार किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हुआ, जबकि उससे पहले के 7 दशक में मात्र 20 हजार किलोमीटर का विद्युतीकरण हुआ था।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 4 लाख किमी से भी कम ग्रामीण सड़कें थीं, आज यह लंबाई 7.25 लाख किमी हो गई है। हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से बढ़कर लगभग 150 हो गई है। इसी तरह पिछले नौ वर्षों में गरीबों के लिए बनाए गए 4 करोड़ घरों ने महत्वपूर्ण रोजगार सृजित किया है। गांवों में 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण इलाकों में रोजगार मुहैया करा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बन चुके हैं और 9 करोड़ घरों को पाइप से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सभी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित कर रहे हैं। चाहे वह विदेशी निवेश हो या भारत का निर्यात यह देश में रोजगार और स्व-रोजगार के कई अवसर पैदा कर रहा है।

आगे उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में नौकरियों की प्रकृति में जबरदस्त परिवर्तन देखा गया है। बदलती हुई इन परिस्थितियों में युवाओं के लिए नए सेक्टर्स उभर कर आए हैं। केंद्र सरकार इन नए क्षेत्रों को निरंतर समर्थन प्रदान कर रही है। देश में स्टार्टअप्स की संख्या 2014 के पहले 100 से बढ़कर आज एक लाख से अधिक हो गई है, जिससे 10 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने के बाद लगभग 8-9 करोड़ नागरिक पहली बार उद्यमी बन गए हैं। केंद्र सरकार पीएलआई योजना के तहत विनिर्माण के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान कर रही है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश में उच्च शिक्षा संस्थानों और कौशल विकास संस्थानों का भी जिक्र किया और कहा कि उनका तेजी से विकास हो रहा है। 2014 और 2022 के बीच हर साल एक नया आईआईटी और एक नया आईआईएम आया है। पिछले नौ वर्षों में हर हफ्ते एक विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया गया है और औसतन हर दिन दो कॉलेज काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में लगभग 720 विश्वविद्यालय थे, जबकि आज यह संख्या बढ़कर 1100 से अधिक हो गई है। देश में चिकित्सा शिक्षा पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 7 दशकों में केवल 7 एम्स बनाए गए, जबकि पिछले 9 वर्षों में सरकार ने 15 नए एम्स विकसित किए हैं। देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 400 से बढ़कर 700 हो गई है, जहां एमबीबीएस और एमडी सीटों की संख्या लगभग 80 हजार से बढ़कर 1 लाख 70 हजार से अधिक हो गई।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत के उद्योग और निवेश के लिए अभूतपूर्व सकारात्मकता है। वॉलमार्ट के सीईओ के साथ अपनी हालिया मुलाकात को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वॉलमार्ट की कंपनी अगले 3-4 साल में 80 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करेगी। लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन के क्षेत्रों में कार्यरत युवाओं के लिए यह बड़ी खबर है।

प्रधानमंत्री ने अगले सप्ताह दुनिया की अग्रणी कंपनियों के सीईओ के साथ अपनी निर्धारित बैठकों की भी जानकारी दी और कहा कि वे सभी भारत में निवेश करने के लिए उत्साह से भरे हुए हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि इस तरह के प्रयास भारत में विभिन्न क्षेत्रों में सृजित रोजगार के नए अवसरों को उजागर करते हैं।

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