कठिन शब्दों में बना ड्राफ्ट कानून विवाद खड़ा करता है : अमित शाह

कानून जितना सरल और स्पष्ट शब्दों में लिखा होता है, उतना ही अविवादित होता है

 कठिन शब्दों में बना ड्राफ्ट कानून विवाद खड़ा करता है : अमित शाह

नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि कठिन शब्दों में ड्राफ्ट किया हुआ कानून हमेशा विवाद खड़ा करता है। कानून जितना सरल और स्पष्ट शब्दों में लिखा होता है, उतना ही अविवादित होता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने सोमवार को संसद भवन परिसर में विधायी प्रारूपण पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अदालत को हस्तक्षेप करने का मौका न मिले, ऐसा कानून बनाना अच्छे कानून के ड्राफ्टिंग का मॉडल है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सरल और स्पष्ट भाषा में कानून को ड्राफ्ट करने का होना चाहिए।

शाह ने आज संसद, राज्य विधानसभाओं, विभिन्न मंत्रालयों और वैधानिक निकायों के केंद्र और राज्यों के अधिकारियों के लिए आयोजित लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग सम्बन्धी ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग हमारे लोकतंत्र का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। इसके बारे में जानकारी का अभाव न केवल कानूनों और पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को निर्बल करता है, बल्कि न्याय प्रणाली के कार्यों को भी प्रभावित करता है।

उन्होंने आगे कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए इसके स्किल में समयानुसार बदलाव, बढ़ोत्तरी और अधिक दक्षता होती रहनी चाहिए ।

शाह ने कहा कि संसद और केन्द्रीय मंत्रिमंडल की राजनीतिक इच्छा को कानून के सांचे में ढालने का काम लेजिस्लेटिव डिपार्टमेंट का होता है। उन्होंने कहा कि पॉलिटिकल विल, लोगों की समस्याओं के समाधान के रास्तों और देश की अलग-अलग जरूरतों को कानून स्वरूप देने का काम लेजिस्लेटिव विभाग का है और इसलिए ड्राफ्टिंग बहुत महत्वपूर्ण है।

शाह ने आगे कहा कि ड्राफ्टिंग जितनी अच्छी होगी, शिक्षा उतनी ही सरल हो जाएगी और एक्जीक्यूटिव द्वारा गलती करने की संभावना उतनी ही कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ड्राफ्टिंग में ग्रे एरिया छोड़ने से व्याख्या करते समय इसमें एन्क्रोचमेंट की संभावना रहेगी और अगर ड्राफ्टिंग परिपूर्ण व स्पष्ट है तो इसकी व्याख्या भी स्पष्ट हो जाएगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और राज्यों के विधान मंडलों, देश की संसद और राज्यों व देश के हर विभाग में कानून बनाने वाली टीम के स्किल का अपग्रेडेशन होना बहुत जरूरी है। दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है और हमें बदलती हुई दुनिया के साथ कदम उठाने होंगे। कानूनों को आज की जरूरतों के हिसाब से नए सांचे में भी ढालना होगा। अगर हम इतना खुलापन नहीं रखते हैं तो हम कालबाह्य और अप्रासंगिक हो जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि संसद, राज्य विधानसभाओं, विभिन्न मंत्रालयों और वैधानिक निकायों के केंद्र और राज्यों के अधिकारियों के लिए लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग संबंधी ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।





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