होम्योकॉन-2023' में अश्विनी चौबे ने कहा, उत्तराखंड में आयुष की अपार संभावनाएं हैं

होम्योपैथी बाहर की नहीं भारत की पुरातन संस्कृति परंपरा

होम्योकॉन-2023' में अश्विनी चौबे ने कहा, उत्तराखंड में आयुष की अपार संभावनाएं हैं

देहरादून, 14 मई (हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि होम्योपैथी विदेश नहीं भारत की पुरातन और सनातन संस्कृति से जुड़ी हमारी चिकित्सा परंपरा है। हौम्योपैथी में नये वैज्ञानिक अनुसंधान की जरूरत है। देवभूमि की धरती आयुष के लिए अधिक उपयुक्त है।

रविवार को डॉ. नित्यानन्द ऑडिटोरियम-दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन 'होम्योकॉन-2023' कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह बातें कहीं। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी के तहत 2014 में अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया गया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए संभावनाएं मौजूद है। उत्तराखंड की धरती आयुष के लिए उपयुक्त है,यहां नेचर, कल्चर, एग्रीकल्चर, लिटरेचर और फ्यूचर है। पर्यावरण और प्राकृतिक का उत्तराखंड संगम है और सार्वभौमिक विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री धामी का उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने का जो संकल्प है वह निश्चित ही पूरा होगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने होम्योपैथी और आयुष को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। होम्योपैथी जटिलतम रोगों के निदान का एक कारगर उपाय है। देवभूमि उत्तराखंड आयुष की प्रेरक रही है। होम्योपैथी हमारी परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि होम्योपैथिक भारत की पारंपरिक दवाइयां है। होम्यौपैथिक चिकित्सक को सम्मान देना होगा। सार्वभौमिक चिकित्सा को स्वीकार करना आज की जरुरत है। हौम्योपैथी में नये वैज्ञानिक अनुसंधान होना चाहिए,वर्तमान में इसकी कमी है और आगे बढ़ने की आवश्यकता है। भ्रामक प्रचार को रोकने के लिए जागरण की जरूरत है,लोक जागरण और लोक समानता से इस कार्य में और मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व में भारत का नाम रोशन हो रहा है। जय विज्ञान के नारे के साथ अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यों पर गर्व है। भारत को परम वैभव के शिखर पर ले जाने के साथ आर्थिक और सामरिक शक्ति बनाने के लिए हर व्यक्ति अपने को कर्मयोगी बन कर कार्य करना होगा। आयुष और योग के क्षेत्र में भी भारत की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है। इनको हमें अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा। कोरोना में आयुष और आयुर्वेद ने अपना महत्व साबित कर दिया है।