सूरत : सिविल अस्पताल में कार्यरत 600 से अधिक नर्सों को पहली बार नेमटैग से सम्मानित किया

12 मई - 'अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस' मनाया गया

सूरत : सिविल अस्पताल में कार्यरत 600 से अधिक नर्सों को पहली बार नेमटैग से सम्मानित किया

अंगदान चैरिटेबल ट्रस्ट के दिलीपदादा देशमुख की प्रेरक उपस्थिति

सूरत न्यू सिविल हॉस्पिटल ऑडिटोरियम में 'द ट्रेन्ड नर्सेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया'-सूरत ब्रांच द्वारा 'इंटरनेशनल नर्सेज डे' मनाया गया। जिसमें न्यू सिविल में वर्षों से नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत 600 से अधिक नर्सों को उनके विशेष योगदान के लिए नेम टैग एवं पेन देकर सम्मानित किया गया। साथ ही नर्सिंग की छात्राओं ने अंगदान महादान के पोस्टर के माध्यम से जन जागरूकता का संदेश भी दिया।

इस अवसर पर ऑर्गन डोनेशन ट्रस्ट के दिलीपदादा देशमुख ने लीवर ट्रांसप्लांट के अपने अनुभव के बारे में बताया और नर्स द्वारा डॉक्टर के साथ दिखाई गई करुणा और कौशल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद सबसे ज्यादा समय नर्स ही देती है और मरीज की देखभाल करती है। उन्होंने नर्स को दी गई 'बहन' के रूपक की विशेषताएं बताकर मरीज और नर्स के बीच घनिष्ठ संबंध के महत्व को समझाया। उन्होंने नर्सों को 'नर्सिंग योद्धा' बताया जो अस्पताल में मरीजों के साथ सहानुभूति रखती हैं।

इस अवसर पर सिविल अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर ने कहा कि मरीजों के इलाज में डॉक्टरों द्वारा लिखे गए नुस्खे को पूरा करने में नर्सों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। नर्सिंग काउंसिल के इकबाल कडीवाला ने संबोधन में कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेवा के लिए नर्सें हमेशा समर्पित रहती हैं। कोरोना काल ने यह विश्वास पैदा कर दिया है कि भारतीय नर्सों ने पूरी दुनिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एक स्वस्थ भारत का निर्माण करना है और भारत को दुनिया के सभी क्षेत्रों में अग्रणी बनाना है।

इस मौके पर न्यू सिविल के नर्सिंग स्टाफ ने केक काटा। सरकारी नर्सिंग कॉलेज  के छात्रों द्वारा अंग दान पर आधारित नुक्कड़ नाटकऔर टी एंड टीवी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने हेल्पिंग हैंड नाटक प्रस्तुत किया। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक 'अंगदान महादान' का संकल्प लिया।

इस मौके पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन व मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ऋतंभरा मेहता, आर.एम.ओ. डॉ. केतन नायक, शासकीय नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इंद्रावती राव, अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक धारीत्रीबेन परमार, नर्सिंग अधीक्षक सुमति गावड़े, स्लम समिति के अध्यक्ष दिनेश राजपुरोहित, डॉ. नीलेश काछडिया, विवि. सिंडिकेट सदस्य टी.बी. एवं चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा, कैलासजी हकीम, नीलेश लठिया, विभोर चुघ सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, समाजसेवी, फैकल्टी इंचार्ज, बन्धुगण के साथ-साथ प्रधानाध्यापक, कर्मचारी उपस्थित थे।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिन  'अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस' के रूप में मनाया जाता है

आधुनिक नर्सिंग की प्रणेता और दुनिया की पहली नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिन - 12 मई को पूरे विश्व में 'अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 200 वर्ष पूर्व 12 मई 1820 को जन्मी फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने मानव सेवा को नर्सिंग से जोड़कर नर्सिंग को नई पहचान दी। फ्लोरेंस को 'लेडी विद लैंप' के नाम से भी जाना जाता है। नाइटिंगेल पुरस्कार नर्सिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को सम्मानित करता है। वर्ष 2020 को ' नर्स और मिडवाइफ के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' के रूप में मनाया गया।

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