'द केरल स्टोरी' पर रोक मामले में बंगाल और तमिलनाडु सरकार से 18 तक जवाब-तलब

सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद राज्य सरकार फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगा सकती हैं

'द केरल स्टोरी' पर रोक मामले में बंगाल और तमिलनाडु सरकार से 18 तक जवाब-तलब

नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'द केरल स्टोरी' के प्रदर्शन पर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में लगी रोक के खिलाफ फिल्म निर्माता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 18 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार से पूछा कि जब पूरे देश में फिल्म चल रही है तो आपके राज्य में क्यों रोका जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि फिल्मों के मामले में सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट जाने का निर्देश देती रही है। इस मामले में भी हाई कोर्ट जाने को कहा जाना चाहिए। फिल्म को लेकर इंटेलिजेंस रिपोर्ट है कि कानून व्यवस्था की स्थिति बन सकती है।

फिल्म के निर्माता की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने वेस्ट बंगाल सिनेमाज रेगुलेशन एक्ट की धारा 6(1) का प्रयोग करते हुए फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद राज्य सरकार फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगा सकती हैं। राज्य सरकार फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए कानून-व्यवस्था का हवाला नहीं दे सकती है। ऐसा करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु के सिनेमाघर फिल्म को नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि उन्हें राज्य सरकार ने अनौपचारिक आदेश दिया है। इस फिल्म पर आरोप है कि ये फिल्म मुस्लिम समुदाय और केरल को बदनाम करती है।

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