सूरत : लू से बचने के लिए करें ये काम

सूरत में गर्मी का पारा 40 डिग्री के पार 

सूरत : लू से बचने के लिए करें ये काम

कुछ जरूरी सावधानियां बरतने से असहनीय गर्मी से राहत मिलेगी

सूरत शहर सहित राज्य भर में भीषण गर्मी महसूस की जा रही है। लगातार पिछले दो दिनों से गर्मी का पारा 40 डिग्री के पार होने पर असहनीय तपीश का अनुभव हो रहा है। जिसके कारण लू के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में राज्य सरकार ने नागरिकों को मौजूदा तपती गर्मी में लू से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसके अनुसार असहनीय गर्मी से राहत पाने के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां बरती जा सकती हैं।

गर्मी की लहर के दौरान जब तक आवश्यक न हो घर से बाहर जाने से बचें, पूरे शरीर और सिर को ढकने के लिए खुले सफेद सूती कपड़े पहनें। टोपी, चश्मा, छाता का प्रयोग करना चाहिए। छोटे बच्चों, गर्भवती माताओं, वृद्धों, अशक्तों तथा बीमार व्यक्तियों को धूप में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सिर को गीले कपड़े से ढक लें, गीले कपड़े से बार-बार शरीर को पोछें और बार-बार ठंडा पानी पिएं। सौंफ, कच्चा आम, गुलाब, खस और काले अंगूर के शरबत का सेवन करना चाहिए। 10 काले अंगूर रात को पानी में भिगो दें, सुबह इस पानी को पी लें और अंगूर खा लें, तरबूज का सेवन सुबह और दोपहर में करना चाहिए।

नींबू का शर्बत, छाछ, ताडफली और नारियल पानी, शक्कर-मीठे पेय का सेवन करना चाहिए। बाजार में मिलने वाले खुले बासी भोजन, बर्फ आदि के प्रयोग से बचें। शादी समारोह में दूध से बनी चीजों का सेवन न करें। चाय-कॉफी और शराब के सेवन से डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इनसे परहेज करें। दोपहर 2 से 4 बजे के बीच बाहर जाने से बचें।

सिर दर्द, टांगों में दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, अत्यधिक प्यास लगना, निर्जलीकरण, उल्टी, जी मिचलाना, चक्कर आना, आंखों का काला पड़ना, बेहोशी, बहुत गंभीर मामलों में मीरगी (खेंच) आना आदि लू के लक्षण हैं। यदि आप बीमार महसूस करने का प्रभाव महसूस करते हैं, तो आपको तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए।

किसानों को कृषि के लिए उगाई जाने वाली फसलों की बार-बार सिंचाई करनी चाहिए और मल्चिंग द्वारा मिट्टी को नम रखना चाहिए। गायों और भैंसों सहित पशुओं को छाया में रखना और पीने के लिए भरपूर ठंडा और साफ पानी उपलब्ध कराना। पोल्ट्री हाउस में पर्दे और उचित वेंटिलेशन होना चाहिए। दोपहर के समय मवेशियों को चराने या खिलाने के लिए नहीं ले जाना चाहिए।

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