राजकोट : तेज बुखार के साथ उल्टी-दस्त गैस्ट्रिक मामलों में वृद्धि का डर

संतुलित आहार लेने, ज्यादा पानी पीने की अपील की

राजकोट : तेज बुखार के साथ उल्टी-दस्त गैस्ट्रिक मामलों में वृद्धि का डर

गर्मी के मौसम में पाचन धीमा हो जाता है और कई बीमारियां हो जाती हैं। राजकोट के डॉक्टर बासी खाना, कटे हुए स्टोर किए हुए फल, ठंडे खाने-पीने से परहेज करने, संतुलित आहार लेने, ज्यादा पानी पीने की अपील की है।

सौराष्ट्र में बढ़ती गर्मी बढ़ने के साथ बदहजमी, बैक्टीरिया आदि के कारण डायरिया समेत कई मामले सामने आने लगे हैं और मनपा ने 102 मामले सामने आने की घोषणा की है। हालांकि यह अभी शुरुआत है और जब निकट भविष्य में गर्मी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है तो डॉक्टरों ने डायरिया, गैस्ट्रिक और पेट की बीमारियों के बढ़ने की आशंका जताई है।

इस महामारी से बचने के लिए राजकोट के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने कहा कि लोगों को स्वस्थ्यप्रद मानकर तरबूज, चीनी टेट्टी, कृत्रिम रूप से पके केसर आम आदि खाने में सावधानी बरतनी चाहिए। बाजार के भारी भोजन के बजाय सुपाच्य भोजन लें और धूप में दौड़ने से बचें। ज्यादा से ज्यादा साफ पानी पीना चाहिए। दस्त के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी या सुस्ती, बुखार जैसे लक्षण भी विकसित हो रहे हैं। 

मनपा स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि डायरिया के मामले अभी भी नियंत्रण में हैं, लेकिन लोगों को बाजार में कटे या फ्रीज किये हुए फलों सहित कुछ भी खाने से बचना चाहिए, केवल वही खाना चाहिए जो सामने बनाये गये हो, रात्रि की बासी क्रीम सहित चीजें से बचना चाहिए। इस मौसम में बैक्टीरिया का प्रकोप बढ़ जाता है जहां पर्याप्त साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है वहीं पानी खाना और उबला हुआ पानी पीना चाहिए। जनरल प्रैक्टिशनर, पूर्व मेयर डॉ. जैमन उपाध्याय ने कहा कि अब वायरल के मामले भी देखने को मिल रहे हैं, गर्मियों में भारी भोजन पाचन तंत्र को धीमा कर सकता है, इसलिए घर पर ताजा पका हुआ भोजन करने की सलाह दी जानी चाहिए, डिहाइड्रेशन से बचने के लिए समय-समय पर खूब पानी पिएं। 

इस बीच, राजकोट में डेंगू के मामले गर्मियों में जारी रहते हैं, इसलिए यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचा जा सके। कोरोना की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन वायरल सर्दी और बुखार समेत महामारी अभी भी जारी है।

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