गुजरात : कक्षा 12वीं के विज्ञान में कम परिणाम आने पर डमी स्कूलों के खिलाफ जांच की मांग

गुजरात बोर्ड के सदस्य प्रियवदन कोराट एवं धीरेन व्यास ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

गुजरात : कक्षा 12वीं के विज्ञान में कम परिणाम आने पर डमी स्कूलों के खिलाफ जांच की मांग

 गुजरात में कक्षा 12वीं साइंस का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। इस साल रिजल्ट पिछले साल से कम है। माना जा रहा है कि नतीजों में इस गिरावट की वजह यह है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र स्कूल से ज्यादा समय कोचिंग क्लास में बिताते हैं।  गुजरात बोर्ड के सदस्यों ने राज्य में चल रहे डमी स्कूलों की जांच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में बोर्ड सदस्यों ने सरकार से उन स्कूलों की जांच कराने की मांग की है, जहां छात्रों को डमी स्कूलों में प्रवेश मिलता है।

डमी स्कूलों की वजह से बोर्ड के नतीजे प्रभावित हुए

गुजरात बोर्ड के सदस्य प्रियवदन कोराट एवं धीरेन व्यास ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि 10वीं कक्षा के बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए छात्र कोचिंग कक्षाओं में प्रवेश लेते हैं। वे स्कूल के बजाय कोचिंग क्लास में जाते हैं। डमी छात्रों को ही स्कूल में प्रवेश दिया जाता है। ऐसे छात्रों और स्कूलों की वजह से बोर्ड के रिजल्ट पर असर पड़ा है। डमी स्कूल में छात्रों को सिर्फ कागजों पर ही प्रवेश मिल जाता है।

ऐसे स्कूलों की जांच कर कार्रवाई की जाए

इसके अलावा शिक्षक भी सिर्फ कागजों पर मौजूद हैं। जब बोर्ड पेपर वेरिफिकेशन होता है तो डमी स्कूल के शिक्षक बहाने बनाकर अनुपस्थित रहते हैं। डमी स्कूलों का बोर्ड के रिजल्ट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इसलिए सरकार को ऐसे स्कूलों की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो आगामी समय में गुजरात के बच्चों को बहुत नुकसान हो सकता है।