खूंटी के ग्रामीण इलाकों में दम तोड़ रही हर घर नल से जल योजना

पीड़ीहातू गांव में रात तीन बजे से ही शुरू हो जाती है पानी के लिए मारामारी

खूंटी, 28 अप्रैल (हि.स.)। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल से जल योजना खूंटी के ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ती नजर आ रही है। सोलर वाटर सप्लाई के लिए गांव-गांव में जलमीनार तो बना दिए गए हैं, लेकिन गांव वालों के लिए ये महज शोभा की वस्तु बनकर रह गये हैं। कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोग आज भी कुएं के दूषित जल के लिए मारामारी करते हैं।

खूंटी जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर लांदूप पंचायत का पीड़ीहातू गांव इसका उदाहरण है। गांव में तीन साल पहले दो जनमीनार बनए गए हैं। गांव के अधिकांश घरों में नल भी लगा दिए गए हैं, लेकिन नल में जल कभी नहीं आया। सुबह तीन बजे से ही गांव के महिला-पुरुष में गांव के एकलौते कुएं से पानी लेने के लिए होड़ लगी रहती है। सभी को डर रहता है कि कहीं कुएं का पानी खत्म न हो जाए।

ग्रामीण बताते हैं कि कुएं का पानी भी काफी दूषित है। लोग पानी को छानकर या गर्म कर पीते हैं और खाना बनाते हैं। कपड़े धोने और नहाने कें लिए गांव के लोगों को एक किलोमीटर दूर नदी जाना पड़ता है। गर्मी के दिनों में नदी भी सूख जाती है। सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि गांव वाले पानी को लेकर किस गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। पीड़ीहातू गांव की 75 वर्षीय महिला एतवारी मुंडा जो पानी लेने लिए उसी कुएं के पास आई हुई हैं, बताती है कि आदमी के साथ ही मवेशियों को भी पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। कपड़े और बर्तन धोने तथा नहानें के लिए उन्हें नदी जाना पड़ता है, पर गर्मी के दिनों में नदी भी सूख गई है। बीमार अवस्था में भी अपने कंधों पर बांस के डंडे के सहारे दो बड़े डिब्बे लेकर पानी लेने आई महिला नौरी समद कहती है कि कुएं की भी कई वर्षों से सफाई नहीं हुई है। लोग कपड़े से छानकर पानी ले जाते हैं, ताकि कीडे और गंदगी से बचा जा सके। ग्राम प्रधान कांडे पाहन बताते हैं मुखिया से लेकर जिला और प्रखंड के अधिकारियों को भी समस्या से अवगत करा दिया गया है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। .कमोवेश यही स्थिति घाघरा सहित दर्जनों गांवों की है।

मोबाइल चार्ज कर बैटरी को डिस्चार्ज कर देते हैंरूकनीय अभियंता

पीड़ीहातू गांव में व्याप्त जल संकट के संबंध में पूछे जाने पर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल खूंटी के कनीय अभियता राम प्रसाद ने कहा कि उन्हें समस्या की जानकारी है। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजना की देखरेख करने की जिम्मेवारी गांव वालों की होती है, लेकिन गांव वाले मोबाइल चार्ज कर बैटरी को ही डिस्चार्ज कर देते हैं। उन्होंने कहा कि गांव के लिए योजना बनाकर सरकार के पास भेजा गया है। उम्मीद है कि गांव वालों को जल्द ही जल सकट से मुक्ति मिल जाएगी।

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