खूब बिका मिट्टी का फ्रिज

मिट्टी के बर्तनों की खरीद के लिए मशहूर इस मेले में लोगों ने मिट्टी से बने बर्तनों की जमकर खरीदारी की

खूब बिका मिट्टी का फ्रिज

ऊना, 23 अप्रैल (हि.स.)। प्राचीन द्रोण महादेव शिव मंदिर शिवबाड़ी में आयोजित होने वाला दो दिवसीय शिवबाड़ी मेला रविवार को शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। मिट्टी के बर्तनों की खरीद के लिए मशहूर इस मेले में लोगों ने मिट्टी से बने बर्तनों की जमकर खरीदारी की। बेशक आधुनिकता की दौड़ में शामिल होकर मिट्टी के बर्तनों का दौर बीते जमाने की बात होकर रह गया और कुम्हार के चाक भी लावारिस होकर रह गए लेकिन शिवबाड़ी मेला मिट्टी के बर्तनों की खरीदारी के लिए भी जाना जाता है। रविवार को मेले के दूसरे दिन अभी भी मिट्टी के बर्तनों को तैयार कर इन्हें लोगों तक पहुंचाने वाले कई कारीगर अपने बर्तन लेकर मेला क्षेत्र में पहुंचे और लोगों ने भी इनकी खरीदारी में दिलचस्पी दिखाई।

बेशक नए जमाने की नई पीढ़ी इस सत्यता से अनभिज्ञ हो कि कभी मिट्टी के घड़े ही गर्मी के मौसम में फ्रिज का काम किया करते थे। मिट्टी के घड़े हर घर की शान हुआ करते थे लेकिन वक्त बदलने के साथ यह बीते जमाने की बात हो गई। हालांकि आयुर्वेद में अभी भी घड़े के पानी को ही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है लेकिन फ्रिज के चिल्ड वाटर ने लोगों को अपना ऐसा दीवाना बनाया कि इसके गुण-लाभ को पीछे छोड़ दिया गया।

यह भी एक वजह रही कि मिट्टी के बर्तन तैयार करने वाले कुम्हार इस काम में कमाई को न देखते हुए पीछे हटे। हालांकि जिन्होंने खुद को आधुनिकता के साथ ढाल लिया वे अभी भी मिट्टी के बर्तनों का कारोबार कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।

फगवाड़ा से मिट्टी के बर्तन लेकर आए अशोक कुमार ने बताया कि अब परंपरागत मिट्टी के बर्तनों को कोई नहीं पूछता लेकिन अब वे मिट्टी का तबा, मिट्टी की पानी की बोतल, सुराही और ऐसे बर्तन तैयार कर रहे हैं जो लोगों को पसंद आ रहे हैं।

उन्होंने माना कि अगर सरकार पर्यटन निगम के होटलों में मिट्टी के बर्तनों को तरजीह दे तो ये लोगों को भी पसंद आएंगे औरइससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ इस परंपरागत पेशे को भी बचाया जा सकेगा। उधर मंदिर सह आयुक्त एसडीएम सौमिल गौतम ने कहा कि ग्रामीण कुटीर उद्योगों को बचाने के लिए इस मेले के माध्यम से भी प्रयास किए जाएंगे और भविष्य में ग्रामीण कुटीर उद्योगों के प्रोडक्ट मेले में लेकर आने के लिए ऐसे कारीगरों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

शिवबाड़ी मेले के दूसरे दिन भी मेला क्षेत्र लोगों की आमद से गुलजार रहा। मेले के दूसरे दिन लोग भगवान भोलनाथ का आर्शीवाद पाने के लिए पवित्र शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचते रहे और मेले में लगी दुकानों से खरीदारी करने के साथ झूलों का आनंद लेते रहे।

एसडीएम सौमिल गौतम ने बताया कि मंदिर प्रशासन द्वारा किया गया यह पहला प्रयास था। भविष्य में इस मेले को और बेहतर ढंग से संचालित किया जाएगा। उन्होंने मेले में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले राजस्व विभाग के कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों का भी आभार प्रकट किया।

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