सूरत : सिविल अस्पताल में मनोरोग विभाग की ओर से नशामुक्ति गोष्ठी का आयोजन किया गया

जीवन में व्यसन प्यार का अंत' शुरू करता है : पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर

सूरत : सिविल अस्पताल में मनोरोग विभाग की ओर से नशामुक्ति गोष्ठी का आयोजन किया गया

मनुष्य जन्म से व्यसनी नहीं होते वे समय, परिस्थितियों के अधीन व्यसनों का सहारा लेते हैं

एक मजबूत समाज और एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में नशामुक्त रहेने  के लिए संघर्ष कर रहे लोगों में जागरुकता और समर्थन के लिए  रविवार को न्यू सिविल हॉस्पिटल के डी-एडिक्शन सेंटर, मनोचिकित्सा विभाग-सूरत द्वारा एल्कोहॉलिक एनोनिमस संस्था के सहयोग से सुश्रुत हॉल, न्यू गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एक फ्री नशामुक्ति सेमिनार का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने कहा कि मनुष्य जन्म से ही व्यसनी नहीं होता है। वह समय, परिस्थितियों के अनुसार नशे का सहारा लेता है। अपवादस्वरूप कुछ परिवारों में बड़े-बुजुर्गों, माता-पिता को तंबाकू, बीडी, सिगरेट, शराब की लत लग जाती है और छोटे बच्चों को बचपन से ही नशा विरासत में मिल जाता है। जो लोग भावुक होते हैं वे आमतौर पर अधिक नशे में होते हैं।

पुलिस आयुक्त तोमर ने आगे कहा, ''जिंदगी खूबसूरत है।'' हमारी जिंदगी बहुत खूबसूरत है, लेकिन हमें इसे देखने का नजरिया बदलने की जरूरत है। जीवन में नशा 'प्यार का अंत' शुरू कर देता है। समाज का जागरूक व्यक्ति जो चाहे कर सकता है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि जितना अधिक सुख हम दूसरों को देंगे, उतना ही अधिक सुख हमें उपहार के रूप में वापस मिलेगा।

एक प्रबुद्ध व्यक्ति जीवन को सुखी और जीने योग्य बनाने में सक्षम होता है। अनमोल मानव जीवन को शराब की लत में डूबाना नही है। इसलिए नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए सभी के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया गया।
एल्कोहोलिक्स एनोनिमस के सदस्यों के अनुभव के अनुसार, अत्यधिक शराब का सेवन क्रोनिक एल्कोहोलिका नामक बीमारी है।

इस संगोष्ठी में गर्वमेन्ट मेडिकल कॉलेज के डीन व मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ऋतंभरा मेहता, मनोचिकित्सक डॉ. आशीष देशपांडे, मनोरोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कमलेश दवे, एल्कोहॉलिक एनोनिमस के सदस्य, नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर, मेडिकल छात्र और अन्य नागरिक उपस्थित थे।

 शराब को लेकर ये मिथ भ्रामक हैं:

  1. शराब पीने के साथ पौष्टिक आहार लेने से शराब से होने वाले नुकसान से बचाव होता है।
  2. शराब पीने से नींद अच्छी आती है और भूख बढ़ती है।
  3. शराब तनाव दूर करती है, शराब चिंता और अवसाद को दूर करती है।
  4. शराब से कामेच्छा बढ़ती है
  5. एक बार शराब की लत लगने के बाद, इसे छोड़ना असंभव है, और छोड़ने का प्रयास मृत्यु का कारण बन सकता है।
  6. विदेशी शराब पीने से कोई नुकसान नहीं है, जो नुकसान होता है वह देशी शराब से ही होता है।
  7. संयम में शराब है दवा: शराब सर्दी-खांसी ठीक करती है, हार्ट अटैक से बचाती है।
Tags: Surat