गुजरात : पर्यावरण रक्षा के साथ करें संतुलित विकास :  मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

गुजरात : पर्यावरण रक्षा के साथ करें संतुलित विकास :  मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

जल, जमीन और जंगल का समन्वय कर कृषि वानिकी के साथ जुड़े किसानों के साथ खड़ी रहेगी सरकार

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रोजमर्रा के जीवन में पर्यावरण प्रिय जीवन शैली अपनाकर हरेक क्षेत्र में पर्यावरण के विचार के साथ संतुलित विकास करने का आह्वान किया है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई ‘मिशन लाइफ’ की अवधारणा को हम सभी ऊर्जा और पानी आदि के विवेकपूर्ण उपयोग, प्लास्टिक के कम से कम इस्तेमाल और प्रकृति संरक्षण को जीवन शैली बनाकर साकार करें। उन्होंने यह बात मंगलवार, 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में वन विभाग की ओर से आयोजित एग्रो फॉरेस्ट्री यानी कृषि वानिकी आधारित किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही।

किसान उत्पादक संगठन स्थापित करने के दिए गए लक्ष्य को साकार करने के उद्देश्य से किया गया था

इस कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश भर में 10 हजार कृषि वानिकी आधारित किसान उत्पादक संगठन स्थापित करने के दिए गए लक्ष्य को साकार करने के उद्देश्य से किया गया था। वन एवं पर्यावरण मंत्री मुळूभाई बेरा और राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल भी इस कार्यशाला में सहभागी बने। इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय वन दिवस की थीम ‘वन और स्वास्थ्य’ रखी गई है, इसके संदर्भ में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जंगलों के कम होने से पृथ्वी पर समूचा मौसम चक्र बदल गया है। बेमौसम बारिश, भीषण गर्मी से उच्च तापमान, ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन का मानव जीवन के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की इस समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशिष्ट दूरदर्शिता के साथ गुजरात में देश का सबसे पहला जलवायु परिवर्तन विभाग शुरू किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने इस वर्ष के केंद्रीय बजट में पर्यावरण प्रिय सतत विकास के लिए ग्रीन ग्रोथ की वकालत भी की है।

गुजरात में भी इस वर्ष के बजट में ग्रीन ग्रोथ के लिए  दो लाख करोड़ रुपए खर्च करने का आयोजन किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस विचार के चलते गुजरात में भी इस वर्ष के बजट में ग्रीन ग्रोथ के लिए आगामी पांच वर्षों में दो लाख करोड़ रुपए खर्च करने का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में लगभग 20 अर्बन फॉरेस्ट तैयार करने के साथ ही एग्रो फॉरेस्ट्री यानी कृषि वानिकी के दायरे का विस्तार कर आने वाले वर्षों में 5750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का इसमें समावेश करने की मंशा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर जल, जमीन और जंगल का समन्वय कर कृषि वानिकी करने वाले किसानों-धरतीपुत्रों को अत्याधुनिक मार्गदर्शन देने के लिए ऐसी कार्यशाला के आयोजन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने यह मंशा भी व्यक्त की कि राज्य सरकार कृषि वानिकी के साथ जुड़े किसानों के साथ खड़े रहेगी।

मुख्यमंत्री ने  ग्रीन ग्रोथ से अमृतमय बनाने के लिए सभी के सामूहिक प्रयासों का अनुरोध किया

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ अर्थात पूरी दुनिया एक परिवार की भावना के साथ प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की मेजबानी में आयोजित हो रहे जी20 के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन संबंधित कार्य समूह की बैठक की रूपरेखा भी दी, जो गुजरात में आयोजित होने जा रही है। मुख्यमंत्री ने देश के इस अमृत काल को पर्यावरण अनुकूल विकास और ग्रीन ग्रोथ से अमृतमय बनाने के लिए सभी के सामूहिक प्रयासों का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गुजरात में वृक्ष आधारित खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। इसके तहत खेड़ा जिले के आंत्रोली गांव के किसान दिनेशभाई पटेल, देवभूमि द्वारका के वेराड गांव की सगुणाबेन भालुडिया, भरूच के भरथाण गांव के गिरीशभाई पटेल, नवसारी के परूजन गांव के महेन्द्रभाई पटेल तथा डांग जिले के भदरपाडा गांव के गमनभाई पटेल को प्रशस्त्रि पत्र देकर सम्मानित किया गया।

वन विभाग की ओर से तैयार की गई लघु फिल्म ‘मिशन लाइफ’ का अनावरण किया

मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र मोदी के विजन ‘मिशन लाइफ’ अभियान को और अधिक बल देने के लिए वन विभाग की ओर से तैयार की गई लघु फिल्म ‘मिशन लाइफ’ का अनावरण किया। वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार सोलंकी ने स्वागत भाषण में कहा कि जंगलों का महत्व बनाए रखने एवं उसके संरक्षण के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वर्ष 1971 से 21 मार्च को पूरी दुनिया में ‘विश्व वन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष वन दिवस की थीम ‘वन एवं स्वास्थ्य’ निर्धारित की गई है। गुजरात में वृक्ष आधारित खेती करने वाले किसानों की आय को दुगुनी करने और जनभागीदारी के माध्यम से पर्यावरण जतन के लक्ष्य के साथ कृषि वानिकी आधारित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

गुजरात में 78 एफपीओ के गठन के जरिए लगभग 36,000 वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है

गुजरात में 78 एफपीओ के गठन के जरिए लगभग 36,000 वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है, तब ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ के अवसर पर मुख्यमंत्री की विशेष उपस्थिति में भरूच किसान एग्रो प्रोड्युसर कंपनी और श्रीजी कॉर्पोरेशन के बीच नीलगीरी के पौधे तैयार करने तथा इस क्षेत्र में विभिन्न तकनीकों के विकास के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ। इस मौके पर भरूच स्थित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ जुड़े प्रगतिशील किसानों ने वृक्ष आधारित खेती के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।

राज्य के वन क्षेत्र के संबंध में जानकारी देने वाली एक प्रदर्शनी भी  आयोजित की गई

राज्य के वन क्षेत्र के संबंध में जानकारी देने वाली एक प्रदर्शनी भी इस अवसर पर आयोजित की गई, जिसके तहत घास वीडी सुधार और एकत्रीकरण, वन्य प्राणी संरक्षण और विकास, एशियाई शेर संरक्षण, किसान उन्मुख बुवाई योजना, गुजरात में किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) की स्थापना, लकड़ी आधारित उद्योगो, सांस्कृतिक वनों और वन महोत्सव की पहल, चेर संरक्षण और संवर्धन, बन्नी खासिया (घास) के मैदानों का सुधार, राज्य की वन विविधता, वन क्षेत्र के बाहर स्थित वृक्ष संपत्ति का विकास और सामाजिक वनीकरण के विषय में जानकारी प्रस्तुत की गई। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एस.के. चतुर्वेदी ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में वन विभाग के उच्च अधिकारी, पदाधिकारी, किसान उत्पादक संगठन से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधि, गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में वृक्ष आधारित खेती करने वाले प्रगतिशील किसान महिला और पुरुष बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।