दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर कसी जा सकती है नकेल, ई-फार्मेसी को लेकर सख्त नियम बनाने की तैयारी में मंत्रालय

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर कसी जा सकती है नकेल, ई-फार्मेसी को लेकर सख्त नियम बनाने की तैयारी में मंत्रालय

आज कल लगभग हर चीज ऑनलाइन बिक रही हैं. आजकल दवाइयों का भी ऑनलाइन व्यापार बड़ी तेजी से फलफूल रहा है. इसी बीच अब डॉक्टर द्वारा लिखी पर्ची को अपलोड कर ऑनलाइन दवा खरीदने की मौजूदा व्यवस्था पर नकेल कसी जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ई-फार्मेसी को लेकर सख्त नियम बनाने की तैयारी कर रहा है। 

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री प्रतिबंधित

आपको बता दें कि इस मामले में मिल रही जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा ई-फार्मेसी को लेकर मौजूदा नियमों में जल्द बदलाव किया जाएगा। वर्तमान में कंपनियां ड्रग रेगुलेटर के पास रजिस्ट्रेशन कराकर प्रिस्क्रिप्शन वाली 'एच' श्रेणी की दवाएं और बिना प्रिस्क्रिप्शन के अन्य दवाएं ऑनलाइन बेच सकती हैं। हालांकि, मादक पदार्थों से युक्त इन दवाओं की ऑनलाइन बिक्री प्रतिबंधित है।

कई सारे नियमों का हो रहा हैं उल्लंघन

जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन दावा बेचने वाली कंपनियों को आईटी एक्ट के नियमों का पालन करना होता है और विज्ञापनों पर भी रोक है लेकिन कंपनियां इन नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। पिछले महीने ड्रग कंट्रोलर की ओर से 20 नामी ऑनलाइन फार्मेसी को नोटिस दिया गया था। साथ इ 12 लाख केमिस्ट दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले मंत्रियों का एक समूह भी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर असहमत था।

अन्य देशों में ई-फार्मेसी को मिली अनुमति निराधार

जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन दवाई दवा कंपनियों का यह तर्क कि विदेशों में ई-फार्मेसी को अनुमति दी गई है, निराधार है। किसी भी देश के पास 'ई-प्रिस्क्रिप्शन' के अलावा ऐसी व्यवस्था नहीं है, जहां डॉक्टर की सलाह सीधे फार्मेसी में जाती है और मरीज वहां जाकर अपनी दवा ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक ई-फार्मेसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के बजाय ई-फार्मेसी और डॉक्टर एक मंच पर कोई प्रणाली विकसित किया जा सकती है।