सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन से मस्जिद हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रखा बरकरार

मस्जिद हटाने के लिए याचिकाकर्ता को तीन महीने का समय दिया गया; वैकल्पिक जमीन तलाशने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन से मस्जिद हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रखा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2017 में सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद को हटाने के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत ने अपने आदेश में हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को मस्जिद को उस स्थान से हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता को मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि की तलाश के लिए राज्य सरकार से संपर्क करने की अनुमति दी जाती है।

जानिए क्या था मामला

आपको बता दें कि मस्जिद का निर्माण सरकारी पट्टे की भूमि पर किया गया था जिसे 2002 में समाप्त कर दिया गया था। बाद में 2004 में उच्च न्यायालय द्वारा इसके विस्तार के लिए भूमि को फिर से शुरू कर दिया गया, जिससे मस्जिद की उपस्थिति नाजायज हो गई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को बताया कि भूमि एक पट्टे की संपत्ति थी, जिसे समाप्त कर दिया गया था। वे अधिकार के तौर पर इसे कायम रखने का दावा नहीं कर सकते।

अदालत ने तीन महीने का समय दिया

गौरतलब है कि इस मामले में फैसला सुनते हुए पीठ ने कहा, ‘हम याचिकाकर्ताओं द्वारा विचाराधीन निर्माण को गिराने के लिए तीन महीने का समय देते हैं और यदि आज से तीन महीने की अवधि के भीतर निर्माण नहीं हटाया जाता है, तो हाई कोर्ट सहित अधिकारियों के लिए उन्हें हटाने या गिराने का विकल्प खुला रहेगा।’