अजीबोगरीब : राजस्थान में होली की अजब परंपरा, त्यौहार से दो दिन पहले कराई जाती हैं दो लड़कों की शादी

अजीबोगरीब : राजस्थान में होली की अजब परंपरा, त्यौहार से दो दिन पहले कराई जाती हैं दो लड़कों की शादी

राजस्थान के बडोदिया गांव में होली के त्योहार से पहले दो लड़कों की शादी कराने की अनोखी परंपरा

भारत विविधताओं और अनेक विशिष्टताओं वाला देश है। इस देश में हर राज्य की अपनी अलग-अलग पर अनोखी परंपराएँ हैं। इनमें से कुछ ऐसी परंपरा हैं जिन्हें जानकर लोगों को बहुत बेहद हैरानी होती है। भारत में गांव गांव बोली बदलती है और गांव-गांव  पानी बदलता है। इसी तरह देश में शादी में भी ऐसा ही है। हर जगह शादियों में अलग-अलग और तरह-तरह की परंपराएं देखने को मिलती हैं। त्यौहार भी अलग-अलग देखने को मिलते हैं जैसे वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मथुरा में होली का त्योहार मनाने की परंपरा अलग है तो बरसाना और वृंदावन में भी इसको लेकर अलग परंपरा है। वहीं राजस्थान में होली का त्योहार अलग ही तरह से मनाया जाता है। आज हम आपको राजस्थान के बरोदिया गांव में वर्षों से चली आ रही परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जान कर आप हैरान रह जायेंगे। यहाँ सालों से  होली के त्योहार से पहले दो लड़कों की शादी कराने की अनोखी परंपरा चली आ रही है।

इसके लिए दो युवक-युवतियों को दूल्हा-दुल्हन की तलाश की जाती है

आपको बता दें कि राजस्थान के बडोदिया गांव में होली के त्योहार से पहले दो लड़कों की शादी कराने की अनोखी परंपरा सालों से मनाई जाती रही है। जिसमें शादी की हर रस्म पूरी की जाती है। बरोदिया गांव में होली से दो दिन पहले यह प्रथा मनाई जाती है। और इस शादी के लिए दो कम उम्र के बच्चों की तलाश की जाती है। और फिर पूरा गांव इस विवाह उत्सव को हर्षोल्लास से मनाता है।

क्यों मनाई जाती है ऐसी परंपरा?

इस परंपरा के लिए दो यज्ञोपवीत वाले दो लड़कों का चयन किया जाता है। यह विवाह संस्कार फागन मास की चतुर्दशी को किया जाता है। जिसके लिए दोनों लड़कों को दूल्हा-दुल्हन की तरह तैयार किया जाता है। और पंडित द्वारा पूर्ण अनुष्ठान भी किया जाता है। और अगली सुबह दोनों लड़कों को एक बैलगाड़ी में बिठाकर गांव के चारों ओर ले जाया जाता है। लोगों का कहना है कि यहां कई साल पहले यहाँ एक नाला था। जिसने गांव को दो भागों में बांट दिया। गाँव के दोनों हिस्सों के बीच प्यार बनाए रखने का ये अनोखा तरीका ढूंढ निकाला गया। उस समय दोनों हिस्सों से एक-एक लड़के खोजकर  उनकी शादी करा दी गई ताकि दोनों गांव के बीच प्यार बना रहे और तब से अब तक यह परंपरा निभाई जाती है।