गुजरात : जन्मजात बधिर-मूक बच्चों को कॉक्लियर इमप्लांट के निःशुल्क ऑपरेशन से अब तक 2800 बच्चों को श्रवण शक्ति मिली 

गुजरात : जन्मजात बधिर-मूक बच्चों को कॉक्लियर इमप्लांट के निःशुल्क ऑपरेशन से अब तक 2800 बच्चों को श्रवण शक्ति मिली 

गांधीनगर सिविल अस्पताल के कॉक्लियर इमप्लांट सेंटर द्वारा 1600 सर्जरी सफलतापूर्वक की गई

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार दिनांक 3 मार्च 2023 को विश्व श्रवण दिवस (वर्ल्ड हियरिंग डे) के अवसर पर 'द हियरिंग टेल्स' पुस्तक का विमोचन कर कॉक्लियर इमप्लांट द्वारा श्रवण शक्ति प्राप्त करने वाले लगभग 10 बच्चों के साथ वात्सल्यपूर्ण संवाद किया। WHO द्वारा 2007 से हर वर्ष 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (वर्ल्ड हियरिंग डे) मनाया जा रहा है।

उपचार से जीवन में पहली बार आवाज़ की अनुभूति करने वाले बच्चों की कहानी

गांधीनगर सिविल अस्पताल के कॉक्लियर इमप्लांट सेंटर के डॉ. नीरज सुरी द्वारा लिखित व संपादित 'द हियरिंग टेल्स' पुस्तक में राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क में मिलने वाले उपचार से जीवन में पहली बार आवाज़ की अनुभूति करने वाले बच्चों की कहानी है। इस पुस्तक में ऐसे बच्चों के माता-पिता तथा समग्र परिवार में इसके परिणामस्वरूप आए परिवर्तन तथा बदलाव से संबंधित प्रतिक्रियाओं का भी समावेश है। विश्व श्रवण दिवस  (वर्ल्ड हियरिंग डे) के अवसर पर प्रकाशित हुई यह पुस्तक समाज में मूक तथा बधिरता के समक्ष शीघ्र तथा समय पर निदान, उपचार के लिए जन जागरूकता का संवाहक बनेगी। 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बच्चों के परिवार के साथ भी बातचीत कर विवरण प्राप्त किया

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पुस्तक विमोचन के अवसर पर उपस्थित स्पीच थेरेपिस्ट, डॉक्टरों एवं कॉक्लियर इमप्लांट के माध्यम से श्रवण शक्ति  मिलने वाले बच्चों के परिवार के साथ भी बातचीत कर विवरण प्राप्त किया। बालकों में जन्मजात मूक-बधिरता को दूर कर उनकें उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार ने 2015 से नि:शुल्क इमप्लांट योजना शुरू कर 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए गांधीनगर सिविल अस्पताल में कॉक्लियर इमप्लांट सेंटर शुरू किया तथा समग्र राज्य में इस प्रोग्राम को अमल किया जा रहा है। श्रवण क्षमता नहीं होने वाले बच्चों के लिए उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं से कॉक्लियर इमप्लांट सर्जरी तथा उसके बाद स्पीच थेरपी के लगभग 100 सेशन बच्चे को एक सामान्य बच्चे की तरह जीवन देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बच्चों के परिवार के साथ भी बातचीत की

गांधीनगर के सिविल अस्पताल में इस तरह के 1600 से अधिक ऑपरेशन किए जा चुके हैं

राज्य में इस तरह के हियरिंग लॉस (नहीं सुन सकने) वाले बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक, व्यावहारिक भाषा विकास से सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रत्येक बच्चे को पांच लाख से अधिक की अनुमानित लागत का उपचार नि:शुल्क प्रदान करती है। राज्य में अब तक 2750 जरूरतमंद बच्चों का कॉक्लियर इमप्लांट नि:शुल्क किया जा चुका है। गांधीनगर के सिविल अस्पताल में इस तरह के 1600 से अधिक ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, बच्चे के इमप्लांट होने और घर जाने के बाद, एक या दो वर्ष तक उनके पुनर्वास के लिए सिविल अस्पताल सामने से फॉलो अप लेता है। 

नवजात शिशुओं में इस तरह की मूक-बधिर बीमारी का शीघ्र निदान और उन्नत उपचार से इलाज किया जा सकता है

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के दिशानिर्देशन में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक ज़िलें में न्यू बोर्न हियरिंग स्क्रीनिंग OAE मशीन शुरू की है। इसके परिणामस्वरूप छोटे तथा नवजात शिशुओं में इस तरह की मूक-बधिर बीमारी का शीघ्र निदान और उन्नत उपचार से इलाज किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस तरह के उपचार द्वारा कॉक्लियर इमप्लांट से श्रवण शक्ति प्राप्त कर सामान्य बच्चे के समान जीवन जीने वाले बच्चों के साथ वात्सल्यपूर्ण संवाद किया। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक तथा संपादक डॉ. नीरज सुरी, राज्य में अंगदान के प्रति जागरूकता के प्रेरणास्रोत दिलीपभाई देशमुख (दादा) भी सहभागी हुए। इतना महंगा उपचार निःशुल्क उपलब्ध कराने के लिए बच्चों के अभिभावकों ने राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।