
स्क्रेटिंग इंडिया ने सूरत में आधुनिक झींगा और मत्स्य आहार प्लाँट शुरू किया
50,000 एमटीपीए की क्षमता वाली इस सुविधा का निर्माण 18.5 मिलियन यूरो के निवेश से किया गया है और यह घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए सेवा उपलब्ध कराएगी
एक्वा फीड और न्यूट्रिशन(जलीय आहार और पोषण) में वैश्विक अग्रणी नॉर्वे स्थित स्क्रेटिंग ने आज सूरत में मांगरोल में झींगा और फिश फीड(मत्स्य आहार) के लिए अपनी अत्याधुनिक निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। इस अत्याधुनिक सुविधा ने स्क्रेटिंग को अपने ग्राहकों और भारतीय जलीय कृषि क्षेत्र को अधिक सहायता प्रदान करने के लिए अधिक सक्षम बनाया है।
पशु और जलीय पोषण में नीदरलैंड स्थित अग्रणी न्यूट्रेको का हिस्सा है एवं स्क्रेटिंग परिवार के स्वामित्व वाली डच बहुराष्ट्रीय एसएचवी होल्डिंग्स एन.वी. की सहायक कंपनी है। कंपनी 18 देशों में उत्पादन सुविधाओं के साथ वार्षिक 3 मिलियन टन फीड(आहार) का उत्पादन करती है, जिसमें हैचिंग से लेकर हार्विस्ट तक 60 से अधिक प्रजातियां शामिल है। कंपनी सेल्मोन और झींगा में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है।
इस सुविधा का उद्घाटन भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान तथा भारत और श्रीलंका के लिए कृषि परामर्शदाता, नीदरलैंड के दूतावास के मिशेल वन एर्केल द्वारा किया गया था।
डॉ. संजीव बालियान ने इस उपलब्धि के लिए टीम को बधाई दी और बहुराष्ट्रीय कंपनी का स्वागत किया, जो भारतीय जलीय कृषि के विकास के लिए अपनी विश्वस्तरीय विशेषज्ञता और अनुसंधान एकसाथ लाई है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थान बनाए रखने के लिए उत्पादकता और दक्षता में सुधार और घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक तकनीकों का उपयोग करने के लिए भारतीय जलीय कृषि उद्योग को एक प्रेरक संदेश दिया।
इस अवसर पर एर्केल ने कहा कि, बीते वर्ष उन्होंने 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों को उत्सहापूर्वक मनाया और नीदरलैंड व्यवसाय ने भारत में अपना मार्ग प्राप्त किया है। जब न्यूट्रेको को पिछले साल विश्व वित्त द्वारा पशु पोषण में सबसे नवीन कंपनी के रूप में नामित किया गया था, तब उन्होंने कहा था कि, वे किसानों को उच्च उत्पादन, बेहतर पशु स्वास्थ्य और लचीलापन हासिल करने में मदद करना चाहते हैं। उन्होंने मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करने के लिए स्क्रेटिंग इंडिया को शुभकामनाएं दी।
20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली और 18.5 मिलियन यूरो (लगभग 163 करोड़ रुपये) के निवेश से निर्मित, यह सुविधा झींगा और मछली पालन की जरूरतों को पूर्ण करेगी। श्रिम्प कल्चर में व्हाइट टाइगर और ब्लैक टाइगर तथा फिश कल्चर में भारतीय प्रमुख क्रेप और उच्च मूल्य वाली मछली स्नेकहेड, सीबास आदि शामिल हैं।
मांगरोल सुविधा में तीन उत्पादन लाइनें हैं, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 50,000 मेट्रिक टन है। यह प्रजातियों और ग्राहकों की आवश्यकताओं के आधार पर एक्सट्रूडेड/फ्लोटिंग और पेलेटेड/सिंकिंग फीड दोनों का उत्पादन कर सकता है। भविष्य में उत्पादन क्षमता के विस्तार के लिए पर्याप्त भूमि और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।
न्यूट्रेको दक्षिण एशिया के महाप्रबंधक डॉ. सौरभ शेखर ने कहा कि, "हम सूरत के मांगरोल में अपनी अत्याधुनिक उत्पादन सुविधा के शुभारंभ की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं। हम 2018 से भारत में झींगा हैचरी, नर्सरी और किसानों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं और अपने उच्च गुणवत्ता वाले फ़ीड और सेवाओं के माध्यम से फ़ीड-फ़ार्म-हेल्थ में ग्राहकों का सहयोग कर रहे हैं। नई सुविधा हमें प्रतिष्ठित "आत्मनिर्भर भारत - मेक इन इंडिया" पहल में योगदान करने और अपने ग्राहकों के साथ अपने जुड़ाव को और मजबूत करने में सक्षम बनाएगी। हम घरेलू बाजार के साथ-साथ बांग्लादेश, श्रीलंका और मध्य पूर्व के ग्राहकों को भी सेवा उपलब्ध कराएंगे।
स्क्रेटिंग की इक्वाडोर में मजबूत उपस्थिति है और इसने देश में झींगा संस्कृति के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्पादों, तकनीकी सेवाओं और एक्वासिम और स्क्रेटिंग 360+ जैसे डिजिटल रूप से सक्षम समाधानों के साथ, स्क्रेटिंग ने झींगा किसानों को कार्यक्षमता और उत्पादकता में सुधार करने में सहाय की है। इस सुविधा और मजबूत उपस्थिति के साथ, स्क्रेटिंग इंडिया का लक्ष्य समान तकनीकों और क्षमताओं को दक्षिण एशिया में विस्तारीत करना है।