तुर्की-सीरिया भूकंप : भारत के ‘जूली और रोमियो’ बचा रहे हैं मलबे में फंसे लोगों की जान

तुर्की-सीरिया भूकंप : भारत के ‘जूली और रोमियो’ बचा रहे हैं मलबे में फंसे लोगों की जान

तुर्की और सीरिया इस समय भयंकर भूकंप के असर से दहला हुआ हैं। इस विनाशकारी भूकंप में 34000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। भूकंप की तीव्रता के कारण बड़े शहरों और छोटे शहरों की बहुमंजिला इमारतें ढह गई हैं। इन बिल्डिंग के मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया गया था, हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अगर कोई जिंदा बचा है तो भारत के जूली और रोमियो उसे बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

खराब राजनीतिक संबंधों के बावजूद भारत ने भेजी मानवीय सहायता

आपको बता दें कि भारत ने तुर्की से खराब राजनीतिक संबंधों के बावजूद मानवीय सहायता भेजी है। भारत ने NDRF की एक टीम के साथ दो खोजी कुत्तों को भेजा है। इनमें से एक का नाम जूली और दूसरे का रोमियो है। रेस्क्यू ऑपरेशन में कुत्ते काफी मददगार साबित हुए हैं। जूली और रोमियो गुफा के करीब जाते हैं और सूंघकर देखते हैं कि वहां फंसे हुए लोग हैं या नहीं! और अगर है तो क्या वोजिंदा हैं? इसके बाद रेस्क्यू टीम मलबे से जिंदगी और मौत के बीच फंसे भूकंप पीड़ितों को बाहर निकालती है। 

जूली और रोमियो ने बचाई कई जाने

मिली जानकारी के मुताबिक तुर्की के नूर्दगी में मलबे के नीचे रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। ऐसे समय में एनडीआरएफ की टीम की लैब्राडोर जूली ने मलबे में किसी के दबे होने का संकेत दिया। रेस्क्यू टीम ने जब मलबा हटाने की कोशिश की तो एक 6 साल की बच्ची जिंदा मिली।जूली के अलावा रोमिया ने भी घटनास्थल का मुआयना किया और उसने यह भी इशारा किया कि कोई जिंदा फंसा हुआ है, और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया।

सूंघने की असाधारण क्षमता के मालिक है ये दोनों कुत्ते

जूली और रोमियो में जिंदा इंसान को सूंघने की असाधारण क्षमता है। इस काम के लिए खास ट्रेनिंग भी दी जाती है। ऐसे में इसी क्षमता का फायदा उठाते हुए मलबे में फंसे जिंदा लोगों को बचाया जा रहा हैं। राहत और बचाव दल सबसे पहले जूली को मलबे वाली जगह पर भेजता है। जूली द्वारा कोई संकेत मिलने के बाद रोमियो को उसकी राय देने के लिए भेजती है। रोमियो के द्वारा पुष्ठी किये जाने के बाद और कोई पुष्टि नहीं होती और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाता है। 

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