अमेरिकी कंपनी ‘वास्ट’ अंतरिक्ष स्टेशन योजना के लिये भारतीय रॉकेटों का इस्तेमाल करने को इच्छुक

अमेरिकी कंपनी ‘वास्ट’ अंतरिक्ष स्टेशन योजना के लिये भारतीय रॉकेटों का इस्तेमाल करने को इच्छुक

नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) अगले साल दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही अमेरिकी कंपनी ‘वास्ट’ ने चालक दल के सदस्यों को कक्षीय प्रयोगशाला में पहुंचाने के लिए भारतीय रॉकेटों का उपयोग करने में रुचि दिखाई है।

‘वास्ट’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैक्स होट ने यहां वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन के अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नेतृत्व दल से मुलाकात की और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावित सहयोग पर चर्चा की।

यह अंतरिक्ष-आवासन कंपनी एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दौड़ में है जो मौजूदा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का अगला संस्करण होगा। मौजूदा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का कार्यकाल 2031 तक है।

कैलिफोर्निया स्थित यह कंपनी मई 2026 में ‘स्पेसएक्स फाल्कन 9’ रॉकेट पर एकल-मॉड्यूल अंतरिक्ष स्टेशन हेवन-1 लगाने की योजना बना रही है।

होट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘फिलहाल, हम मई 2026 के लिए अपने लॉन्च की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’

अगले साल जुलाई तक अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षीय प्रयोगशाला में भेजने से पहले, वास्ट की इस अंतरिक्ष स्टेशन पर कई परीक्षण करने की योजना है।

हेवन-2 एक बहुत बड़ा अंतरिक्ष स्टेशन होगा। उसका पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च होने की उम्मीद है।

होट भारत की गगनयान परियोजना को लेकर उत्साहित हैं, जिसके तहत 2027 की शुरुआत तक मानव अंतरिक्षयान भेजने की योजना है।

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