देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि
प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि कॉर्पोरेट आय कर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) राजस्व में लगातार वृद्धि के कारण हुई
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़े महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शा रहे हैं। 10 फरवरी 2023 तक, सकल संग्रह ₹15.67 लाख करोड़ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 24.09% अधिक है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध संग्रह 12.98 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के शुद्ध संग्रह से 18.40% अधिक है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि कॉर्पोरेट आय कर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) राजस्व में लगातार वृद्धि के कारण हुई है। सीआईटी संग्रह की वृद्धि दर 19.33% है, जबकि पीआईटी संग्रह (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) की वृद्धि दर 29.63% है। रिफंड के समायोजन के बाद, सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 15.84% और पीआईटी संग्रह में 21.93% (केवल पीआईटी)/21.23% (एसटीटी सहित पीआईटी) है।
सरकार ने 1 अप्रैल 2022 और 10 फरवरी 2023 के बीच ₹2.69 लाख करोड़ की राशि का रिफंड जारी किया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 61.58% अधिक है। ये आंकड़े भारत में एक निष्पक्ष और पारदर्शी कर प्रणाली बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह में लगातार वृद्धि दिखाई दे रही है, जो बढ़ती अर्थव्यवस्था और कर कानूनों के बढ़ते अनुपालन को दर्शाता है। कर प्रणाली में सुधार और कर रिफंड प्रदान करने के सरकार के प्रयास भी इस सकारात्मक प्रवृत्ति में योगदान दे रहे हैं।