सूरत : गर्मी से पहले क्यों महंगा हुआ नींबू?: तीन दिन में दोगुने हो गए दाम

सूरत : गर्मी से पहले क्यों महंगा हुआ नींबू?: तीन दिन में दोगुने हो गए दाम

सूरत में 3 दिन में नींबू की खुदरा कीमत दोगुनी होने से गृहिणियों का बजट गड़बड़ा गया

गर्मी शुरू होने से पहले ही नींबू के दामों में अचानक तेजी आ गई है। पिछले तीन-चार दिनों में नींबू के दाम दोगुने हो गए हैं, जिससे गृहणियों को नींबू खरीदने से बचना पड़ रहा है। आमतौर पर गर्मियों में नींबू के दाम बढ़ जाते हैं लेकिन इस बार फरवरी में ही नींबू के दाम बढ़ने से व्यापारी भी हैरान हैं।

आंध्र के विजपुर से माल आना बंद हो गया है जिससे आपूर्ति कम हो गई है

सौराष्ट्र और कर्नाटक से आमदनी घटने से सूरत में नींबू की खुदरा कीमत 3 दिन में दोगुनी हो जाने से गृहणियों का बजट गड़बड़ा गया है। सूरत एपीएमसी (एपीएमसी) बाजार अब तक सौराष्ट्र और कर्नाटक से बड़ी मात्रा में नींबू मंगाता था। लेकिन इस साल फसल कम होने के कारण उस क्षेत्र में ही माल बिक रहा है। वर्तमान में सूरत में केवल महाराष्ट्र चालीस गांव तालुका से नींबू आ रहे हैं। आंध्र के विजपुर से माल आना बंद हो गया है, जिससे आपूर्ति में कमी आ गई है।

बमौसम बारिश से ठंड का सिजन लंबा चला

सूरत एपीएमसी के निदेशक बाबूभाई शेख ने कहा कि इस साल बेमौसम बारिश के बाद ठंड बढ़ी और फिर कुछ दिनों की गर्मी के बाद फसल पर व्यापक असर पड़ा है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में जितनी जरूरत है उतना ही माल उतरा है। वहीं गुजरात के पादरा, नरसंडा और नडियाड में जमीन की बढ़ती कीमतों से नींबू के बाग बिक गए हैं।

एपीएमसी में 70 टन की मांग के सामने 40 टन की आय

आशंका जताई जा रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मियों में नींबू की बिक्री पिछले साल के 2500 रुपए प्रति 20 किलो के रिकॉर्ड को तोड़ सकती है। तीन दिन पहले नींबू 20 से 35 रुपए किलो बिक रहा था, लेकिन वह सीधे बढ़कर 50 से 70 रुपए किलो हो गया है। सर्दियों में नींबू समेत सब्जियों के दाम कम रहते हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण कीमतें बहुत कम घटे हैं। सूरत एपीएमसी सामान्य दिनों में प्रति दिन लगभग 70 टन नींबू की आय करता था, इसके सामने महाराष्ट्र से सिर्फ 40 टन माल आ रहा है। मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने से कीमतें बढ़ी हैं।

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