जल्द ही देश को मिल सकती है अपनी पहली ‘हाइड्रोजन ट्रेन’, रेल मंत्री ने दी जानकारी

जल्द ही देश को मिल सकती है अपनी पहली ‘हाइड्रोजन ट्रेन’, रेल मंत्री ने दी जानकारी

भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में पहली बार हाइड्रोजन ट्रेन शुरू की जाएगी

देश में वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन के सफल परिचालन के बाद सरकार ट्रेन परिचालन को और बेहतरीन बनाने जा रही है। भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में पहली बार हाइड्रोजन ट्रेन शुरू की जाएगी। देश की यह पहली हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक शुरू की जा सकती है।

'वंदे मेट्रो' के नाम से चलेगी ये ट्रेन

आपको बता दें कि भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन की तरह इन ट्रेनों को 'वंदे मेट्रो' के नाम से जाना जाएगा। इस बजट में रेलवे के लिए कुल 2.41 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। भारत द्वारा हरित ऊर्जा की दिशा में लिया गया यह निर्णय महत्वपूर्ण साबित होगा। इस हाइड्रोजन ट्रेन को हेरिटेज सर्किट रूट पर दिसंबर 2023 से शुरू किया जाएगा। सबसे पहले इसे कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलाया जाएगा और फिर अन्य जगहों पर शुरू किया जाएगा। इसे भारत में निर्मित और डिजाइन किया जाएगा।

क्या है हाइड्रोजन ट्रेन?

जहाँ पारंपरिक ट्रेनें कोयला या डीजल और अधिकांश ट्रेनें बिजली पर आधारिक हैं वहीं यह हाइड्रोजन ईंधन पर आधारित पारंपरिक डीजल ट्रेनों से अलग है। हाइड्रोजन ईंधन सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को परिवर्तित करके बिजली पैदा करता है। इससे ट्रेन के इंजन को चलने में मदद मिलती है। यह डीजल ट्रेनों की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल है। हालाँकि, यह तकनीक अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है और कुछ ही देश इसका उपयोग कर रहे हैं। लेकिन हाइड्रोजन ट्रेन की कीमत ज्यादा है और एक बड़ी समस्या है।

ईंधन सेल आधारित हाइड्रोजन इंजनों की परिचालन लागत अधिक: आईसीआरए

आईसीआरए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में खपत के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत करीब 492 रुपये प्रति किलो है। ईंधन सेल आधारित हाइड्रोजन इंजन की परिचालन लागत डीजल इंजन की तुलना में 27% अधिक होगी। ईंधन सेल और भंडारण में अतिरिक्त लागत लग सकती है। ऐसे में इस ट्रेन की टिकटों में सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा बड़ा अंतर देखने को मिल सकता है।

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