प्रेरणादायक : मध्यप्रदेश की ये मज़दूर महिलाएं इस तरह बन रही हैं आत्मनिर्भर!

प्रेरणादायक : मध्यप्रदेश की ये मज़दूर महिलाएं इस तरह बन रही हैं आत्मनिर्भर!

तीन साल पहले 12 महिलाओं ने राधा स्वामी नाम से बनाया था स्वयं सहायता समूह, आज बेच रही हैं नारियल की तेल और प्राकृतिक खाद

मध्य प्रदेश के सागर जिले के गढ़ौली गांव में महिला मजदूर नए-नए काम सीख कर और शुरू कर खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं। तीन साल पहले 12 महिलाओं ने राधा स्वामी नाम से स्वयं सहायता समूह बनाया था। शुरुआत में ये महिलाएं समूह पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती थीं, लेकिन कोरोना काल में जब आय के सारे स्रोत बंद हो गए तो उन्होंने कुछ नया करने का सोचा। इस कार्य में उन्हें मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन द्वारा सहायता प्रदान की गई। अब ये महिलाएं नारियल से तेल निकालकर उसे बेचकर मुनाफा कमा रही हैं।

बाजार में मिलने वाले तेलों से ज्यादा शुद्ध और केमिकल मुक्त है ये तेल

आपको बता दें कि इन महिलाओं का दावा है कि यह नारियल का तेल बाजार में मिलने वाले तेलों से ज्यादा शुद्ध और केमिकल मुक्त है। यह छोटे बच्चों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। तेल की शुद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुरुआती दौर में आयुर्वेदिक डॉक्टर भी इनके ग्राहकों में से एक थे। इसके अलावा बीना रेलवे स्टेशन पर एक अन्य समूह द्वारा चलाए जा रहे स्टॉल पर भी यह नारियल तेल 100 ग्राम के पैक में उपलब्ध है।

नारियल का हर भाग उपयोगी 

इन महिलाओं ने बताया कि नारियल खोपरा से तेल तैयार किया जाता है। इसके अलावा, नारियल का कोई ऐसा हिस्सा नहीं है जो उपयोगी नहीं है। एक नारियल के खोल से रस्सी बनाई जा सकती हैं। साथ ही उससे एक डोरमैट तैयार कर लें। इसके बाद बचे हुए नारियल के खोल का उपयोग जैविक खाद बनाने में किया जा रहा है। महिलाएं अपने बगीचों के अलावा दूसरों को भी यह खाद उनकी मांग पर उपलब्ध कराती हैं।