गुजरात : स्थगित हुई जूनियर क्लर्क परीक्षा आगामी 100 दिनों में होगी, गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड का ऐलान

उम्मीदवार अपने पहचान पत्र के आधार पर परीक्षा केंद्रों से आने-जाने के लिए गुजरात एसटी बस में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे

पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने प्रेस कांफ्रेंस कर अगले 100 दिनों में फिर से कनिष्ठ लिपिक परीक्षा कराने की घोषणा की है। गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड राज्य की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ स्कूल कॉलेजों की परीक्षा तिथियों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही नई परीक्षा तिथियों की घोषणा करेगा। बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि अगली परीक्षा के लिए उम्मीदवार अपने पहचान पत्र (कॉल लेटर/हॉल टिकट) के आधार पर परीक्षा केंद्रों से आने-जाने के लिए गुजरात एसटी बस में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे।

इस बार केवल दो घंटे के भीतर प्रभावी कार्रवाई की गई

गुजरात में जूनियर क्लर्क परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इससे परीक्षार्थियों में रोष है। इस परीक्षा को देने के लिए 9 लाख 53 हजार के अधिक परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र पहुंचे थे। उस समय परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ के बाद उसके पास से उक्त परीक्षा के प्रश्नपत्र की एक प्रति बरामद हुई है। इस मामले में तत्काल प्रभाव से फौजदारी की तरह पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच की जा रही है। इस बार केवल दो घंटे के भीतर प्रभावी  कार्रवाई की गई है।

अब तक 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है

जूनियर क्लर्क के पेपर लीक मामले में गुजरात एटीएस ने जांच तेज कर दी है। अब तक 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें से पांच आरोपी गुजरात के हैं और 10 आरोपी अन्य राज्यों के हैं। इनमें से दो आरोपियों को वडोदरा से गिरफ्तार किया गया है। जिनमें से एक ओडिशा का बताया जा रहा है। फिर एटीएस की एक टीम ने ओडिशा में डेरा डाल दिया है। मुख्य आरोपी प्रदीप नायक ओडिशा का रहने वाला है। जो हैदराबाद के प्रिंटिंग प्रेस से छपा कागज लेकर वड़ोदरा आया था।

पेपर लीक की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं

गौरतलब है कि परीक्षा सुबह 11 से 12 बजे के बीच होनी थी। जिसमें 9.53 लाख छात्रों को परीक्षा में शामिल होना था, लेकिन उनकी उम्मीदों पर निराशा की लहर दौड़ गई है। 2 हजार 995 परीक्षा केंद्रों पर तैयारी का खर्चा आया है। 7 हजार 500 पुलिसकर्मियों सहित 70 हजार से अधिक कर्मचारियों के बावजूद पेपर लीक की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।