पीकिंग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट : पृथ्वी के आंतरिक कोर ने न सिर्फ घूमना बंद किया बल्कि अपनी दिशा भी उलट रहा!

पीकिंग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट : पृथ्वी के आंतरिक कोर ने न सिर्फ घूमना बंद किया बल्कि अपनी दिशा भी उलट रहा!

अध्ययन के अनुसार कोर का घूमना दिन की लंबाई में बदलाव से प्रभावित होता है और पृथ्वी को अपनी धुरी पर घूमने में कितना समय लगता है, इसमें मामूली बदलाव कर सकता है

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पृथ्वी के आंतरिक कोर ने हाल ही में घूमना बंद कर दिया है। इतना ही नहीं उसने अपने घूमने की दिशा को उलट दिया है। यह पृथ्वी की आंतरिक गतिशीलता और इसकी परतों के बीच की अंतःक्रियाओं की हमारी समझ के लिए एक महत्वपूर्ण खोज है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क्रस्ट, मेंटल और कोर परतों के तीन समूह हैं जो पृथ्वी को बनाते हैं। भूकंपीय तरंगों के अध्ययन के माध्यम से ग्रह के केंद्र में स्थित आंतरिक कोर की पहली बार 1936 में पहचान की गई थी। इसकी चौड़ाई लगभग 7,000 किलोमीटर है और यह एक एक तरल लोहे के खोल के चारों ओर एक ठोस लोहे की सतह से बना है। 1996 के नेचर के अध्ययन के अनुसार, पिछले तीन दशकों के दौरान भूकंपीय तरंगों को पृथ्वी के आंतरिक कोर के माध्यम से गति करने में लगने वाले समय में थोड़ा लेकिन लगातार परिवर्तन हुआ है। आंतरिक कोर का घूमाव, जो मेंटल और क्रस्ट की तुलना में लगभग 1 डिग्री प्रति वर्ष तेज है, को इस विचरण का कारण माना जाता है।

पीकिंग यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन के अनुसार, आंतरिक कोर ने 2009 में घूमना बंद कर दिया है और अपने घूमने की दिशा बदलने की प्रक्रिया में हो सकता है। नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार कोर का घूमना दिन की लंबाई में बदलाव से प्रभावित होता है और पृथ्वी को अपनी धुरी पर घूमने में कितना समय लगता है, इसमें मामूली बदलाव कर सकता है।

शोध दल के मुताबिक, पृथ्वी की परतों के बीच गतिशील अंतःक्रियाएं दृष्टिगोचर होती हैं, जो गुरुत्वाकर्षण युग्मन और कोर एवं मैटल से सतह पर कोणीय गति के हस्तांतरण के कारण हो सकती हैं।

पीकिंग यूनिवर्सिटी की शोध टीम का अनुमान है कि उनके निष्कर्ष पृथ्वी की परतों के बीच गतिशील अंतःक्रियाओं और वह ग्रह के अतीत, वर्तमान और भविष्य को कैसे प्रभावित कर सकती हैं, इस बारे में अतिरिक्त जांच को प्रेरित करेंगे। इन अंतःक्रियाओं को समझना पूरे ग्रह को समझने के लिए आवश्यक है, भले ही वर्तमान में यह सुझाव देने के लिए कोई सबूत नहीं है कि आंतरिक कोर के घूर्णन में परिवर्तन सतह पर रहने वाले व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाएगा।

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