सूरत :  'टेक्सटाइल एमएसएमई को डिजिटल के साथ वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना' विषय पर कार्यशाला आयोजित

सूरत :  'टेक्सटाइल एमएसएमई को डिजिटल के साथ वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना' विषय पर कार्यशाला आयोजित

कपड़ा उद्योग के विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के बुनियादी ढांचे की भूमिका महत्वपूर्ण होगी : चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला

नैसकॉम सीओई के सहयोग से दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बुधवार 18 जनवरी 2023 को शाम 6:00 बजे समृद्धि भवन, नानपुरा, सूरत में 'टेक्सटाइल एमएसएमई को डिजिटल के साथ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना' पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें गांधीनगर स्थित नैसकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के वरिष्ठ निदेशक एवं सेंटर हेड अमित सलूजा ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उद्योगपतियों को उत्पाद निर्माण के दौरान दोष ढूंढकर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन बढ़ाने के लिए डिजिटल के उपयोग पर मार्गदर्शन किया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोड़ावाला ने कहा कि कपड़ा उद्योग में तकनीक यानी सॉफ्टवेयर के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से यह कार्यशाला आयोजित की गई। कपड़ा उद्योग के विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स इंफ्रास्ट्रक्चर (आईओटी) की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसलिए उन्होंने कपड़ा उद्योग को डिजिटल उपयोग करने का सुझाव दिया।

सॉफ्टवेयर अपनाकर मशीन में समस्याओं को दूर कर ऊर्जा की खपत को कम कर सकते  है : अमित सलूजा

अध्यक्ष अमित सलूजा ने कहा कि कपड़ा उद्योग में आधुनिक मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है और मजदूर ही अब मशीनों को चला रहे हैं। उद्योग में 30 से 40 प्रतिशत छोटे व्यवसायों ने सॉफ्टवेयर तकनीक को अपनाया है, लेकिन इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) बुनियादी ढांचा शामिल नहीं है। लिहाजा, अब इंडस्ट्री में हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत है। यहां टेक्नोलॉजी का मतलब सॉफ्टवेयर है।

कपड़ा उद्योग में बड़ी कंपनियों और एसएमई कंपनियों के बीच प्रौद्योगिकी अपनाने में भारी अंतर है। बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में अपना निवेश दोगुना कर दिया है। सॉफ्टवेयर कंपनियां विनिर्माण उत्पादकता में वृद्धि करती हैं, लेकिन बढ़ती लागत के कारण छोटी कंपनियां अब तकनीक में आने से हिचक रही हैं। हालाँकि भले ही विभिन्न स्टार्ट-अप तकनीक को अपना रहे हैं उन्हें स्वचालन पर ध्यान देना होगा।

उन्होंने कहा कि कपड़ा कंपनियों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी डेटा एनालिसिस करती है और समस्या का पता लगाती है जिससे समस्या का समाधान हो सके। मशीन में सॉफ्टवेयर तकनीक स्थापित करके मशीनें एक दूसरे के बीच डेटा ट्रांसफर करती हैं। मशीन टू मशीन डेटा ट्रांसफर मशीन ऑपरेटर को सटीक डेटा प्रदान करता है। जिसकी मदद से दैनिक, साप्ताहिक और मासिक उत्पादन योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने उद्योगपतियों को शुरुआत में पांच मशीनों में सॉफ्टवेयर तकनीक अपनाने का सुझाव दिया। परिणाम प्राप्त करने के बाद आप पूरे संयंत्र स्तर पर जा सकते हैं।

सॉफ्टवेयर से उत्पादकता स्तर में वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी और गुणवत्ता में सुधार हो सकता है

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर बहुत मदद करता है और बेहतर आउटपुट का सुझाव देता है। यह सॉफ्टवेयर यांत्रिक और विद्युत मापदंडों का विश्लेषण कर सकता है। कैमरा आधारित निरीक्षण सूचना गिनती प्रदान करता है और दोषों की पहचान की जा सकती है। साथ ही दोष पैटर्न की पहचान की जा सकती है और मशीन ऑपरेटर कैसे काम कर रहा है, इसकी जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। यह ज्ञात है कि समाधान को किस चरण में लाने की आवश्यकता है। समस्या के समाधान से ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है और इसके कारण उत्पादकता स्तर में वृद्धि होती है। संक्षेप में, उत्पादन लागत कम हो जाती है और गुणवत्ता में सुधार होता है।

साथ ही उन्होंने उद्योगपतियों को उद्यम 4.0 स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग फोरम की जानकारी दी। जिसके तहत सभी उद्योगों में ईको सिस्टम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बड़े और एमएसएमई विनिर्माण उद्यमों, समाधान प्रदाताओं (तकनीकी कंपनियों और स्टार्ट-अप्स), उद्योग संघों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम में चैंबर उपाध्यक्ष रमेश वघासिया मौजूद रहे। सदन के मानद मंत्री भावेश टेलर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और सर्वे का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का संचालन चेंबर के ग्रुप चेयरमैन बशीर मंसूरी ने किया। इस कार्यशाला में चेंबर के पूर्व अध्यक्ष और फियास्वी के अध्यक्ष भरत गांधी ने भी अपने विचार रखे। चैंबर ग्रुप के चेयरमैन विजय मेवावाला ने स्पीकर का परिचय दिया। जबकि प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन चेंबर की एमएसएमई कमेटी के अध्यक्ष चेतन सेठ ने किया। इस कार्यशाला के आयोजन में चैंबर की आईटी एंड कम्युनिकेशन एंड एमएसएमई कमेटी ने अहम भूमिका निभाई। वक्ता ने कपड़ा उद्योग के विभिन्न प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया और कार्यशाला संपन्न हुई।