गुजरात : लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के सरकार के फैसले से जीआईडीसी में अनाधिकृत निर्माण नियमित होंगे

गुजरात : लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के सरकार के फैसले से जीआईडीसी में अनाधिकृत निर्माण नियमित होंगे

50 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर से अधिक आकार के निर्माणों को निर्धारित दर लेकर नियमित किया जाएगा

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने जीआईडीसी में अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने घोषणा की है कि 50 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर से अधिक आकार के निर्माणों को निश्चित दर से नियमित किया जाएगा।

अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने का निर्णय लिया

इस फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि जीआईडीसी का गठन औद्योगिक विकास के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन तेजी से औद्योगिक विकास के कारण जीआईडीसी बस्तियों में अनधिकृत निर्माण बढ़ रहे हैं। ऐसे निर्माणों को हटाने से आर्थिक गतिविधि, रोजगार और संबंधित निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए जीआईडीसी ने ऐसे अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने का निर्णय लिया है, जो अगले चार माह तक प्रभावी रहेगा। जीआइडीसी ने उद्यमियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापित करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मकान की अतिरिक्त ऊंचाई को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है

वर्तमान में गुजरात में 220 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र कार्य कर रहे हैं। जिसमें 70,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं, उन सभी को इस नीति का लाभ मिलेगा। इस नई नीति के लागू होने से 50 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर से अधिक के आकार के निर्माणों को निश्चित दरों पर नियमित किया जाएगा।  आवासीय एवं व्यवसायिक उपयोग हेतु सामान्य भूखण्डों में भूमि उपयोग के 50 प्रतिशत तक के निर्माण को नियमित किया जायेगा। इसके अलावा उपयोग में परिवर्तन और भवन की अतिरिक्त ऊंचाई के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है।

50 वर्ग मीटर तक के निर्माण के लिए 3000 शुल्क

कुल निर्माण 50 चोरस मीटर तक के निर्माण को ठीक करने के लिए 3000 रुपये शुल्क देना होगा। इसी तरह, कुल निर्माण क्षेत्र 50 वर्ग मीटर और 100 वर्ग मीटर तक के 3000 व अतिरिक्त 3000 लिए जाएंगे। इसी तरह 100 से 200 वर्गमीटर 6000 व अतिरिक्त 6000, 200 से 300 वर्ग मीटर के 12000 तथा अतिरिक्त 6000 रुपये, साथ ही 300 वर्ग मीटर से अधिक के लिए 18000 रुपये मूल तथा  अतिरिक्त 150 रुपये प्रति वर्ग मीटर चार्ज के रुप में लिया जाएगा।