गुजरात :  कैबिनेट में आवारा पशुओं के मुद्दे पर हुई चर्चा, मुख्यमंत्री ने लिया ये बड़ा फैसला

गुजरात :  कैबिनेट में आवारा पशुओं के मुद्दे पर हुई चर्चा, मुख्यमंत्री ने लिया ये बड़ा फैसला

सांडों को मुख्यमंत्री गौमाता पोषण योजना से सहायता प्राप्त संस्थाओं में भेजा जाएगा

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को गांधीनगर में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। आवारा पशुओं का मुद्दा इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। तब राज्य सरकार ने नागरिकों को आवारा पशुओं से मुक्त करने का निर्णय लिया है। प्रदेश से 50 हजार से ज्यादा बैलों का खसीकरण किया जाएगा।

50 हजार आवारा सांडों का खसीकरण किया जाएगा

राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एक बयान में कहा कि राज्य में आवारा सांडों के खात्मे के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। राज्य की 8 महानगर पालिकाओं और 156 नगर पालिकाओं के अलावा लगभग 50 हजार आवारा सांडों को ग्रामीण क्षेत्रों में खसीकारण किया जाएगा। कृमिनाशक दवा देने के बाद एक सप्ताह तक पशुओं की देखभाल और पालन-पोषण की भी व्यवस्था की जाएगी। मंत्री ने आगे कहा कि आवारा पशुओं के रखरखाव के लिए 
राज्य के 8 नगर निगमों में 17 एवं 6 जोन अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, गांधीनगर, भावनगर में 88 सहित कुल 105 केटल पोन्ड्स संचालित किए गए हैं।

सांडों के कान में टैग भी लगाए जाएंगे

उन्होंने आगे कहा कि यह खसीकरण की कार्रवाई विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की जाएगी। पूरा खसीकारण अभियान पशु चिकित्सा महाविद्यालयों के शिक्षकों और पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारियों के समन्वय से चलाया जाएगा। इस टीम में 1 पशु चिकित्सा अधिकारी, 2 पशुधन निरीक्षक और 2 हैंडलर शामिल होंगे। इसके अलावा, खसीकरण के ऑपरेशन के दौरान सांडों के कान में टैग भी लगाए जाएंगे। तत्पश्चात एक सप्ताह के बाद सांडों को मुख्यमंत्री गौमाता पोषण योजना से सहायता प्राप्त संस्थाओं को भेजा जाएगा।