क्रिकेट : रणजी में बना नया इतिहास, पुरुष मैचों में अंपायरिंग कर रही हैं महिला अंपायर

क्रिकेट : रणजी में बना नया इतिहास, पुरुष मैचों में अंपायरिंग कर रही हैं महिला अंपायर

एक साथ तीन अलग-अलग मैचों में तीन महिला अंपायरों ने पदार्पण किया, इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया के मैच में हो चुका है ये कारनामा

इस समय देश में भविष्य के क्रिकेटरों को तैयार करने में सबसे अहम भुमका निभाने वाली प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी चल रही है। इसमें आये दिन नए रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते है पर कल मंगलवार यानी 10 जनवरी को रणजी के मैदान पर जो हुआ वो अपने आप में एक अलग ही इतिहास है।

आपने आज तक बहुत सारे मैच देखें होंगे। हर मैच में दोनों टीमों के अलावा दो और महत्वपूर्ण लोग मैदान पर होते हैं, और वो हैं अंपायर्स। अधिकांशतः हमने देखा है कि महिला क्रिकेट मैच हो या पुरुष, पर अंपायर सदा ही पुरुष होते है। आज कल कुछ महिला टूर्नामेंट में महिला अंपायर भी होते है पर पुरुष मैच में महिला अंपायर का होना लगभग असंभव बात है! पर ये असंभव हुआ रणजी के मैच में।

रणजी के इस पुरुषों के मैच में  पहली बार महिलाओं को अंपायरिंग करने का मौका मिला। इस रणजी में एक साथ तीन पूर्व स्कोरर वृंदा राठी, पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर जननी नारायणन और पूर्व खिलाड़ी गायत्री वेणुगोपलन ने रणजी ट्रॉफी में अंपायर के रूप में पदार्पण किया।

पेशे से इंजीनियर रही हैं जननी, अब कर रही हैं अंपायरिंग

आपको बता दें कि नारायणन सूरत में रेलवे और त्रिपुरा के मुकाबले में 36 वर्षीय जननी नारायणन की क्रिकेट में बहुत दिलचस्पी थी। इससे जुड़ने के लिए उन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन में कोशिश भी की।

अब जब टीएनसीए ने नियम में बदलाव कर महिलाओं को भी अंपायरिंग की अनुमति दी तो पेशे से इंजीनियर जननी ने बीसीसीआई की लेवल दो अंपायरिंग परीक्षा 2018 में पास की और फिर नौकरी छोड़कर क्रिकेट अंपायरिंग में करियर शुरू किया। वह 2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में भी अंपायरिंग कर चुकी हैं।

मुंबई के स्थानीय मैचों में स्कोरर थीं राठी

वहीं पॉरवोरिम में गोवा और पॉण्डिचेरी के बीच खेले जा रहे मैच में अंपायरिंग कर रही 32 वर्षीय वृंदा राठी मुंबई में स्थानीय मैचों में स्कोरर का काम करती थीं। वह 2013 में भारत में हुए महिला विश्वकप में बीसीसीआई की स्कोरर थीं। इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई के स्कोरर की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद अब वो अंपायरिंग कर रही हैं।

बनना चाहती थीं क्रिकेटर, बन गयी अंपायर, ये है वेणुगोपालन की कहानी

जमशेदपुर में चल रहे झारखंड और छत्तीसगढ़ के मैच में अंपायर और दिल्ली में रहने वाली 43 वर्षीय गायत्री वेणुगोपलन वैसे तो क्रिकेटर बनना चाहती थीं, लेकिन फिर कंधे की चोट ने ऐसा नहीं करने दिया। इसके बाद उन्होंने 2019 में बीसीसीआई की परीक्षा पास करने के बाद अंपायरिंग शुरू की। इससे पहले गायत्री रणजी ट्रॉफी में रिजर्व अंपायर रह चुकी हैं।

आईसीसी के पैनल में भी शामिल नारायणन और राठी 

गौरतलब है कि अनुभवी अंपायर नारायणन और राठी को 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के डेवलपमेंट अंपायरों के पैनल में भी शामिल किया गया था। वरिष्ठ अंपायरिंग कोच डेनिस बर्न्स ने दोनों ही महिला अंपायरों की आईसीसी डेवलपमेंट पैनल में पदोन्नति की सराहना की है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में पहले से ही महिलाएं पुरुषों के मैचों में अंपायरिंग कर रही हैं।