गुजरात : जिस समाज में एकता है और युवा शिक्षित एवं व्यसनमुक्त हैं, वह समाज शिरोमणि बनता है :  आचार्य देवव्रत जी

गुजरात : जिस समाज में एकता है और युवा शिक्षित एवं व्यसनमुक्त हैं, वह समाज शिरोमणि बनता है :  आचार्य देवव्रत जी

राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने गांधीनगर के सोलैया गाँव में विश्व आंजणा चौधरी महासम्मेलन का शुभारंभ कराया

गांधीनगर ज़िले की माणसा तहसील के सोलैया गाँव में आयोजित विश्व आंजणा चौधरी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि जिस क़ौम-जाति या समाज में एकता, संगठन तथा भाईचारा है, एक-दसरे का सहयोगी बनने की भावना है, जिनकी युवा पीढ़ी शिक्षित व व्यसनमुक्त है, वह समाज उन्नति करता है तथा निश्चित रूप से शिरोमणि बनता है।

सोलैया गाँव के मूल निवासी तथा कनाडा में स्थायी रमणभाई रणछोडभाई चौधरी ने जातिजनों में शिक्षा एवं संस्कारों का सिंचन करने, जातिजनों को संगठित बनाने, व्यसनों से दूर रखने और देश, जाति, धर्म की उन्नति के लिए प्रवृत्त रखने के पवित्र उद्देश्य से सोलैया में त्रिदिवसीय विश्व आंजणा चौधरी महासम्मेलन का आयोजन किया है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने इस अवसर पर आयोजित हवन में आहूति दी तथा दीप प्रज्ज्वलित कर महासम्मेलन का उद्घाटन किया।

राज्यपाल की कृषिप्रधान आंजणा चौधरी समाज से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील

राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने यश, कीर्ति एवं अर्थोपार्जन के साथ-साथ बच्चों को भारतीय जीवन मूल्य एवं आदर्श संस्कार देने का अनुरोध किया और कहा कि संस्कारी बच्चे अच्छे परिवार का निर्माण करेंगे, परिवार अच्छा होगा, तो समाज अच्छा बनेगा, अच्छे समाज से ही राष्ट्र प्रगति करेगा और राष्ट्र प्रगति करेगा, तो आदर्श विश्व का निर्माण होगा।

राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने कहा कि यदि व्यक्ति बचपन में ही संघर्षशील, परिश्रमी तथा कुछ कर गुज़रने की तमन्ना वाला हो, तो परमात्मा भी उसका साथ देते हैं। गुजरात के टंकारा में ही जन्मे स्वामी दयानंद सरस्वतीजी कहते थे, “प्रत्येक व्यक्ति को अन्य की 
उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिए।” 

सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करना व्यक्ति को बनाता है महान 

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राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने सम्मान पत्र अर्पण किया

 

राज्यपाल ने कहा, “आंजणा चौधरी समाज के अग्रणी रमणभाई रणछोडभाई चौधरी सोलैया जैसे छोटे से गाँव में जन्मे, यहीं पले-बढ़े-पढ़े-लिखे और आज जिस प्रकार सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, यही उन्हें महान बनाता है। उन्होंने आंजणा चौधरी समाज की एकता व संगठन के लिए जो कार्य किया है तथा समाज को आगे ले जाने के जो प्रयास किए हैं, इसके लिए मैं उन्हें अभिनंदन देता हूँ।”

अच्छे संस्कार तथा अच्छी विचारधारा व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी 

राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि अच्छे विचार ही व्यक्ति को उन्नत बनाते हैं। अच्छे संस्कार तथा अच्छी विचारधारा व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी है। श्री रमणभाई चौधरी समाज के हित तथा कल्याण के लिए आगे आकर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसा भाव प्रत्येक व्यक्ति में पैदा होना चाहिए। एक-एक व्यक्ति मिल कर समाज बनता है। हम पूरी दुनिया को हमारा परिवार मान कर सबके कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहें। यही हमारे ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की सच्ची भावना है। 

खेती कार्य सबसे श्रेष्ठ व पवित्र कार्य है

उन्होंने कहा कि आंजणा चौधरी समाज खेती-बाड़ी से जुड़ा हुआ है। शात्रों में भी सबसे उत्तम खेती को बताया गया है। वेद भी कहते हैं, “मेहनत से खेती करो।” किसान राजाओं का राजा है। खेती कार्य सबसे श्रेष्ठ व पवित्र कार्य है।

राज्यपाल ने आह्वान किया कि खेती में नई तकनीक जोड़ें। रासायनिक खाद छोड़ें और प्राकृतिक खेती अपनाएँ। प्राकृतिक खेती के लिए सदैव प्रयत्नशील राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन ख़र्च कम होगा, आय दुगुनी होगी और धरती माता पवित्र हो जाएंगी। प्रकृति जिस प्रकार जंगल में अपनी कृपा बरसाती है, उसी प्रकार खेत में कृपा बरसाती है प्राकृतिक खेती।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने से किसानों का कल्याण होगा। एक साथ अनेक फ़सलों की खेती की जा सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने भी प्राकृतिक खेती अपना कर पर्यावरण, भूमि व धान को विषमुक्त बनाने की अपील की है। राज्यपाल ने अपील की कि समस्त आंजणा चौधरी समाज प्राकृतिक अपनाए।

सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए संस्कार व शिक्षा को अधिक प्राथमिकता देनी होगी

यूएसए-कनाडा स्थिति समग्र आंजणा चौधरी समाज के अध्यक्ष तथा महासम्मेलन के मुख्य आयोजक रमणभाई चौधरी ने प्राकृतिक खेती के हिमायती एवं राज्यपाल आचार्य देवव्रतजी, देश-विदेश से पधारे आंजणा चौधरी समाज के अग्रगण्य भाइयों-बहनों का स्वागत करते हुए कहा कि समाज के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए संस्कार व शिक्षा को अधिक प्राथमिकता देनी होगी। संगठित परिवार व समाज के माध्यम से ही सांस्कृतिक विरासत का जतन और सशक्त राष्ट्र निर्माण किया जा सकता है।

स्वस्थ व समृद्ध समाज के लिए आज की युवा पीढ़ी का व्यसनमुक्त बनना समय की मांग

श्री चौधरी ने व्यसनमुक्त समाज की कल्पना करते हुए कहा कि स्वस्थ व समृद्ध समाज के लिए आज की युवा पीढ़ी का व्यसनमुक्त बनना समय की मांग है। सादा जीवन तथा उच्च विचार ही मानव की प्रगति का मूलाधार है। श्रेष्ठ जीवन जीने के लिए व्यक्तिगत जीवन, पारिवारिक जीवन तथा सामाजिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समाज-देश की प्रगति के लिए धन तथा विद्या का सेवा के रूप में उपयोग करना चाहिए। इसके द्वारा ही उत्तम समाज-राष्ट्र का निर्माण संभव होगा। उन्होंने उपस्थित सभी वरिष्ठजनों, भाइयों-बहनों तथा माताओं का विश्व आंजणा 
महासम्मेलन में सहभागी होने के लिए आभार प्रकट किया।

समाज के सर्वग्राही उत्थान के लिए एकता व भाईचारा आवश्यक

ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता व गुजराती साहित्यकार रघुवीर चौधरी ने विश्व आंजणा महासम्मेलन के सफल आयोजन के लिए रमणभाई चौधरी तथा परिवार को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि समाज के सर्वग्राही उत्थान के लिए एकता व भाईचारा आवश्यक है। उन्होंने सबकी ओर से रमणभाई चौधरी तथा उनके परिवार से सोलैया तथा आस-पास के क्षेत्रों के नागरिकों को श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए एक आधुनिक अस्पताल तथा रोज़गारोन्मुखी उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए टेक्निकल कॉलेज शुरू करने के लिए संकल्पबद्ध होने का अनुरोध किया।

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