सूरत : सूखे और गीले कचरे को अलग करने जन जागरूकता अभियान के रूप में 47 स्कूलों को शामिल किया

सूरत : सूखे और गीले कचरे को अलग करने जन जागरूकता अभियान के रूप में 47 स्कूलों को शामिल किया

सूरत में कैंटीन वाले स्कूलों के छात्रों को कचरा पृथक्करण का पाठ पढ़ाया जाएगा

सूरत समेत पूरे देश में जहां सफाई अभियान चल रहा है, वहीं सूखे और गीले कचरे को अलग कर उसके निस्तारण का अभियान जारी है। फिलहाल नगर पालिका के इस अभियान को वांछित प्रतिसाद नहीं मिलने से नगर पालिका अब शहर के कैंटीन वाले स्कूलों में बच्चों को अलगाव का पाठ पढ़ाने जा रही है। नगर पालिका ने पहले चरण में इसके लिए 47 स्कूलों को शामिल किया है और धीरे-धीरे अन्य स्कूलों और फिर कॉलेजों को इसमें शामिल किया जाएगा।

स्कूलों में एक महिने तक बच्चों को गार्बेज सेग्रीगेशन की ट्रेनिंग

सूरत नगर निगम स्वच्छता अभियान के तहत सूखे और गीले कचरे के निस्तारण पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके लिए सूरत नगरपालिका अब अधिक से अधिक जन जागरूकता पैदा करने के लिए छात्रों में कचरे को अलग करने की आदत डालने जा रही है। सूरत नगर पालिका ने शहर के कैंटीन वाले स्कूलों में छात्रों को सूखे और गीले कचरे को अलग करने (गार्बेज सेग्रीगेशन) का पाठ पढ़ाने का फैसला किया है। 27 दिनों में पहले सात दिन बच्चों को गीले कचरे और सूखे कचरे की जानकारी दी जाएगी, फिर बाकी के 20 दिनों के समय में उन्हें कचरें को अलग-अलग कर कूड़ेदान में डालने की जानकारी दी जाएगी और उनसे कचरे को भी अलग-अलग किया जाएगा।

बच्चों में आदत डाले तो जागरूकता परिवार तक पहुंचेगी

इस संबंध में नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा कि अगर बच्चों को स्कूल में कचरा अलग करने की आदत डाल दी जाए तो यह जागरूकता उनके परिवारों तक पहुंचाई जा सकती है और सफलता भी हासिल की जा सकती है। यदि किसी स्कूल में एक हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं तो यह संदेश सीधे एक हजार परिवारों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

केन्टीनवाली स्कूलों के बाद केन्टीनवाले कॉलेजों में अभियान

इसके अलावा इस तरह के ऑपरेशन में सफलता मिलने के बाद स्कूल में ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर लगाने पर विचार किया जा रहा है। यह प्रयास सफल रहा तो स्कूल को बगीचे के लिए नि:शुल्क खाद भी मिल सकता है। पहले चरण में सूरत शहर में कैंटीन वाले स्कूलों को कवर किया जाएगा, जिसके बाद शहर में कैंटीन वाले कॉलेजों में छात्रों को कचरा पृथक्करण के बारे में जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार का काम सूरत शहर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।

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