गुजरात : पुलिस अब प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कर सकेगी कार्रवाई, आपराधिक मामला भी हो सकता है दर्ज

गुजरात :  पुलिस अब प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कर सकेगी कार्रवाई, आपराधिक मामला भी हो सकता है दर्ज

सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिये कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर बिल को मंजूरी

राष्ट्रपति ने राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के विधेयक को मंजूरी दे दी है। दंड प्रक्रिया संहिता (गुजरात संशोधन) विधेयक- 2021 मार्च के महीने में विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद अब गुजरात पुलिस अब प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर सकेगी। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। 

पुलिस आयुक्तों और जिलाधिकारियों के पास सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करने की शक्ति है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता विधेयक, 2021 को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। विधेयक के कथन और उद्देश्यों के अनुसार, गुजरात सरकार, पुलिस आयुक्तों और जिलाधिकारियों के पास सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करने की शक्ति है, जिसमें किसी भी व्यक्ति को एक निर्दिष्ट कार्य करने से रोकना या सार्वजिनक शांति भंग या विभिन्न अवसरों पर शांति या सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना, घटना को रोकने के लिए आदेश दे सकता है।

ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों के सामने उल्लंघन की घटनाएं आती हैं

आदेश में आगे कहा गया है कि इस तरह की ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों के सामने उल्लंघन की घटनाएं आती हैं और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। धारा 144 सार्वजनिक निषेधाज्ञा के किसी भी उल्लंघन को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत अपराध बनाने का प्रयास करती है। सीआरपीसी की धारा 195 में यह कहा गया है कि संबंधित लोक सेवक द्वारा लिखित शिकायत के अलावा कोई भी अदालत लोक सेवक के कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए आपराधिक साजिश की शिकायत पर विचार नहीं करेगी।

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