जानिए भारतीय सड़कों पर दिन के किस समय होती हैं ज्यादा दुर्घटनाएं

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021' में सामने आई जानकारी

इन दिनों सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा देखा गया है। इसी बीच एक सरकारी आंकड़ा सामने आया है। दोपहर 3 से 9 बजे के बीच की अवधि भारतीय सड़कों पर बहुत खतरनाक और घातक साबित हुई है क्योंकि सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में दर्ज कुल सड़क दुर्घटनाओं में से लगभग 40% इसी दौरान हुईं। हालांकि, 10% से कम दुर्घटनाओं के साथ, 12 से 6 बजे के बीच की अवधि सबसे सुरक्षित है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2021' के अनुसार, 2021 के दौरान हुई कुल 4.12 लाख दुर्घटनाओं में से दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच 1.58 लाख से अधिक दुर्घटनाएं हुईं।

ये समय सड़क पर रहने के लिए सबसे उचित

आपको भी बता दें कि आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2021 में, शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच के अंतराल में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं जो देश में कुल दुर्घटनाओं का लगभग 21% हिस्सा है और यह पिछले पांच में देखे गए पैटर्न के अनुरूप है। इसके बाद दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच दुर्घटनाओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या देखी गयी जो कुल हादसों के लगभग 18% है।

इसी रिपोर्ट के अनुसार 2021 के दौरान, 4,996 दुर्घटनाओं का समय ज्ञात नहीं है। साथ ही ये बताया गया है कि “दोपहर और शाम सड़क पर रहने के लिए सबसे खतरनाक समय होते हैं। जबकि रात के 12 बजे से सुबह 6 बजे के समय अंतराल में दुर्घटनाओं की संख्या सबसे कम है।

सबसे ज्यादा दुर्घटना तमिलनाडु में

वहीं राज्यवार आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि तमिलनाडु में शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं (14,416) हुईं। वहीं मध्य प्रदेश में 10,332 हादसे हुए थे। इन राज्यों के अलावा सूची में केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं, इन राज्यों में अपराह्न 3 से 9 बजे के बीच 82,879 दुर्घटना के मामले दर्ज किए गए। पूरे भारत में इस अवधि के दौरान 52% से अधिक दुर्घटना के मामले दर्ज किए गए।

3 बजे से रात 9 बजे के बीच की अवधि में अधिक हादसे

आंकड़ों के आगे के विश्लेषण से पता चलता है कि 2017 के बाद से, दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच की अवधि में कुल दुर्घटनाओं का 35% से अधिक दर्ज किया गया है। इसके अलावा, साल 2017 और 2021 के बीच, 2020 को छोड़कर जिस साल कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण देशव्यापी तालाबंदी देखी गई, भारत में शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच 85,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएँ हुईं।

जनवरी 2021 में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं, मार्च में सबसे ज्यादा मौतें हुईं

सड़क दुर्घटनाओं के महीने-वार आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी 2021 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं (40,305) दर्ज की गईं, इसके बाद मार्च (39,491) का स्थान रहा। हालांकि, मार्च में सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक 14,579 मौतें दर्ज की गईं, इसके बाद जनवरी में 14,575 मौतें हुईं। महामारी से पहले, 2017, 2018 और 2019 में, मई में 2019 में सबसे अधिक दुर्घटनाएँ (41,490) और मौतें (14,644) दर्ज की गईं; 2018 में 42,730 दुर्घटनाएं और 14,368 मौतें और 2017 में 42,799 दुर्घटनाएं और 14,417 मौतें हुईं।

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