सूरत :  नया करने का दृढ़ संकल्प हो तो चाय की दुकान से भी मिल जाता है मुकाम

सूरत :  नया करने का दृढ़ संकल्प हो तो चाय की दुकान से भी मिल जाता है मुकाम

स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हैं

कुछ नया करने का दृढ़ संकल्प हो तो व्यक्ति अपनी मंजिल को आसानी से प्राप्त कर लेता है। यूं कहें कि मंजिल ही उन तक आ जाती है। यह कहावत राजन सिंह पर फिट बैठती है। महावीर यूनिवर्सिटी के पास, सेकंड वीआईपी रोड पर केसरिया तंदुरी चाय एवं फास्टफुड के नाम से दुकान चलाने वाले राजन हृदय नारायण सिंह बताते हैं कि तकरीबन 3 साल पूर्व मात्र 40 हजार रुपये की लागत पर चाय की दुकान चालू की थी। उनमें कुछ नया करने की प्रबल इच्छा होने से उनकी चाय न केवल वीआईपी रोड, सिटी सिटी लाइट, बल्कि शहर भर में प्रसिद्ध है। वे स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हैं। यही कारण है कि वे कई प्रकार के स्वास्थ्य वर्धक चाय बनाते हैं।

चाय बनाने की देशी पद्धति अपनाते हैं

राजन सिंह बताते हैं कि चाय में तंदूरी चाय, तंदूरी काफी, चॉकलेटी चाय, ग्रीन टी आदि ग्राहकों को स्वच्छता के साथ मिट्टी के कुल्हड़ में देते हैं। राजन सिंह बताते हैं कि चाय बनाने की देशी पद्धति अपनाते हैं। पत्थर एवं लकड़ी के कोयले से भट्ठी पर चाय बनाते हैं। जिसमें चाय की हरी पत्ती, पूदीना, अदरक जैसे नेचुरल वस्तु का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही साथ पीतल के पात्र में बरसों पुरानी परंपरा के अनुसार मिट्टी के कुल्हड़ को भट्टी में तपाकर उसमें चाय तैयार कर दूसरे मिट्टी के कुल्हड़ में ग्राहकों को दिया जाता है, जो न केवल स्वाद बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है। यही कारण है कि इनके दुकान पर चाय पीने लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं। वे बताते हैं कि छुट्टियों के दिन लक्जरी कारों से लोग बड़ी संख्या में आते हैं। 

कुल्हड़ में चाय पीने के फायदे

राजन सिंह कुल्हड़ में चाय पीने के फायदे बताते हुए कहते हैं कि कुल्हड़ में चाय पीने से मिट्टी की सोंधी खुशबू महसूस होती है और मिट्टी की खुशबू आम तौर पर लोगों को पसंद होती है। मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पीने से शरीर के अंदर कैल्शियम की मात्रा बढ़ती है। जिससे हड्डियों को लाभ होता है। कुल्हड़ का प्रयोग दुबारा नही होता, इसलिये शरीर के अंदर बैक्टीरिया नहीं जा सकते।  कुल्हड़ में चाय पीने से एसिडिटी की समस्या नहीं होती। कुल्हड़ में चाय पीने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। इसमें चाय पीने से मूड फ्रेश हो जाता है और खुशनुमा अहसास से मन भर उठता है। मिट्टी से बनने वाला कुल्हड़ आग में पककर तैयार होता है, जिससे यह हाइजीनिक होता है। मिट्टी में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। जब आप कुल्हड़ में गर्म चाय पीते हैं, तो चाय के साथ इसमें मौजूद कैल्शियम की थोड़ी बहुत मात्रा आपके शरीर में भी पहुंचती है। नेचुरल प्रोडक्ट मिट्टी वाले कुल्हड़ बिल्कुल प्राकृतिक होते हैं, इनमें किसी तरह का कोई केमिकल नहीं होता, ऐसे में इनमें चाय पीने से आपको किसी बीमारी का खतरा भी नहीं रहता। प्लास्टिक के कप में चाय पीना घातक रोगों को न्योता देने जैसा है। राजन सिंह लोगों से नेक इरादों से कुछ नया करने की दृढ़ इच्छा के साथ कोई भी व्यवसाय करें, सफलता जरुर मिलेगी।

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