सूरत :  ओवर प्रोडक्शन से बचें कपड़ा कारोबारी, गुणवत्ता पर दें ध्यान

सूरत :  ओवर प्रोडक्शन से बचें कपड़ा कारोबारी, गुणवत्ता पर दें ध्यान

यार्न मार्केट में अच्छा रहने की संभावना है

सूरत के रिंग रोड स्थित ट्रेड हाउस के 5026-27 में यार्न कारोबार से जुड़े यार्न उद्यमी राजेश गोयल बताते हैं कि ओवर प्रोडक्शन से सूरत की कपड़ा मंडी में मंदी का माहौल है। चाइना मार्केट पूरी तरीके से क्लोज होने से उसका प्रभाव भारत के यार्न मार्केट में अच्छा रहने की संभावना है। हालांकि पिछले 2 महीने में यार्न के भाव टूट कर पिछले 15 साल के निचले स्तर पर आ गया है। 15 साल पूर्व जो यार्न 120 रुपये किलो था आज उसी रेट में यार्न बिक रहा है। जिसका प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के होड़ में ओवर प्रोडक्शन है। ओवर प्रोडक्शन होने से फिलामेंट, नायलॉन, पॉलिस्टर सभी यार्न के रेट में गिरावट आई है। 

ओवर प्रोडक्शन होने से माल बेचने की होड़

ट्रेड हाउस के कोषाध्यक्ष एवं यार्न कारोबारी राजेश गोयल बताते हैं कि ओवर प्रोडक्शन होने से माल बेचने की होड़ व्यापारियों में रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में काफी नुकसान होने से अब व्यापारी समझ गये हैं और ओवर प्रोडक्शन से बचने लगे हैं। आज मिलो में मात्र 25 प्रतिशत ही प्रोडक्शन हो रहा है, ताकि ओवर प्रोडक्शन में सुधार किया जा सके। भारत सरकार ने चाइना के शिप लोडिंग पर रोक लगा दी, जिससे हाल में चाइना का माल पूरी तरह से बंद हो जाएगा। हालांकि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के पहल के बाद तकरीबन 60 प्रतिशत चाइना से माल आना बंद हो चुका है। हाल में फिलामेंट के भाव एवं पॉलिस्टर के भाव में भी बेहद कमी दर्ज की गई है। 

अब तकरीबन 50 प्रतिशत व्यापारी ओवर प्रोडक्शन से बचने लगे हैं

आगम आर्केड वेसू के अध्यक्ष यार्न उद्यमी राजेश गोयल बताते हैं कि ओवर प्रोडक्शन से हुए नुकसान के कारण अब तकरीबन 50 प्रतिशत व्यापारी समझ गए हैं और अब ओवर प्रोडक्शन से बचने लगे हैं। वे बताते हैं कि जब व्यापारी ओवर प्रोडक्शन कर लेता है तो वह माल बेचने की जल्दी में अपने बाहर के मंडियों के व्यापारी को मांग से अधिक माल भेज देता है। जब 2 महीने बाद पैसे की मांग करता है तो बाहर के मंडियों का व्यापारी उसे पैसे देने की बजाय उसका ही माल वापस कर देता है। अब इस गुड्स रिटर्न से व्यापारी को फायदा होने की वजह ट्रांसपोर्टिंग एवं जीएसटी लगने से नुकसान हो रहा है। इस बात को व्यापारी पूरी तरीके से समझ गया है। राजेश गोयल ने व्यापारियों को सुझाव देते हुए कहा कि आगामी दिनों में सूरत गारमेंट्स इंडस्ट्री का हब बनेगा। यहां से देश ही नहीं दुनिया के कोने-कोने में गारमेंट्स सप्लाई होगा, जिससे सूरत का कपड़ा मार्केट बहुत ही अच्छा रहने वाला है। परंतु व्यापारी बंधु ओवर प्रोडक्शन से बचें और गुणवत्ता पर ध्यान दें, ताकि नुकसान से बच सके।  

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