सूरत : क्रिसमस पर अदाणी फाउंडेशन की वंचित बच्चों के लिए 'टॉय से जॉय' पहल को जबरदस्त प्रतिसाद मिला
अदाणी फाऊन्डेशन की ओर से क्रिसमस पर खिलौनौं का उपहार पाकर खुशी जताते बच्चे
"चूल्हा ही जलता है मेरा, ये खिलौने बेचकर। अरे साब ले लो दो चार खिलौने ले लो..!" उपरोक्त पंक्तियाँ वंचित बच्चों की अपनी कहानी बया करती है। खिलौने बच्चों के लिए एक आनंद हैं, लेकिन कई बच्चे ऐसे हैं जो उन्हें नहीं जी सकते। अदाणी फाउंडेशन ने ऐसे बच्चों के जीवन में खुशियां लाने के लिए 'टॉय से जॉय' नाम से एक पहल की।
अदाणी फाउंडेशन द्वारा बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम जारी
इस विशेष पहल के तहत अदाणी समूह की कंपनियों के कर्मचारियों ने क्रिसमस के मौके पर विशेष खिलौने दान किए। यही नहीं कर्मचारियों ने एकत्रित खिलौनों को वंचित बच्चों को वितरित करने के लिए स्वेच्छा से उत्कृष्ट सेवा का उदाहरण पेश किया है। सालों से वंचित बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम कर रहे अदाणी फाउंडेशन ने इस साल भी इस क्रम को बरकरार रखा है। क्रिसमस का त्योहार अपनों के साथ हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 'टॉय से जॉय' के तहत एकत्रित खिलौनों को अहमदाबाद में विभिन्न स्थानों पर वंचित बच्चों को वितरित किया गया। इस पहल में, कर्मचारियों ने स्वेच्छा से और उत्साहपूर्वक सेवा प्रदान की।
सामुदायिक-निर्माण अभियान के लिए तत्परता व्यक्त की
अदानी समूह की एक कर्मचारी पूजा दलवानी कहती हैं, "इस अभ्यास के दौरान एक स्वयंसेवक होने का अनुभव बहुत ही संतुष्टिदायक था, जब हमने खिलौनों का वितरण किया तो बच्चों के चेहरों पर मुस्कान अद्वितीय थी, जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगी। 'टॉय से जॉय' पहल के पहले संस्करण को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जबकि फाउंडेशन की टीम ने भविष्य में भी इस तरह के सामुदायिक-निर्माण अभियान के लिए तत्परता व्यक्त की है।
क्रिसमस पर बच्चों को खिलौनों का उपहार
अदानी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक वसंत गढ़वी कहते हैं, “क्रिसमस प्रियजनों के साथ खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। त्योहारों के जश्न में वंचित बच्चों को भी खुश करने के लिए कर्मचारियों के प्रयास सराहनीय हैं। वह कहते हैं, “ज्यादातर हम कपड़े, स्टेशनरी या शैक्षिक किताबें दान करते हैं। शुरुआत में हम इन सभी चीजों को हासिल करना चाहते थे, लेकिन अंत में हमने खिलौनों का विकल्प चुना, जो एकदम सही था। इस पहल में एकत्रित खिलौनों को अपंग मानव मंडल, विकासगृह, बाल गृह, शिशुगढ़ और शहर में चल रहे निर्माण स्थलों के बच्चों को वितरित किया गया। खिलौने पाकर बच्चों के चेहरों पर आई मुस्कान ने हर स्वयंसेवक को संतोष और प्रसन्नता का अनुभव कराया।