सूरत : ईमानदारी की मिसाल; लाखों के हीरे का पैकेट मूल मालिक को लौटा दिया

सूरत : ईमानदारी की मिसाल; लाखों के हीरे का पैकेट मूल मालिक को लौटा दिया

सूरत में करोड़ों का हीरा कारोबार विश्वास की बुनियाद पर टिका हुआ है। हीरा कारोबार से जुड़े दलाल और व्यापारी बिना किसी सुरक्षा के करोड़ों के हीरे कागज की पुड़िया में पैक कर बाजार में घूमते नजर आते हैं। ये लोग जब आपस में सौदे करते हैं तो वो भी कागत की चिट पर ही होते हैं। इनको एक-दूसरों पर भरोसा इस कदर होता है कि खरीदार या विक्रेता-दलाल कोई अपने वादे से मुकरेगा नहीं और एक बार सौदा पट जाने पर उसको निभायेगा। कभी-कभार ऐसा भी होता है कि बड़ा जोखिम लेकर घूमने वाले इन लोगों में से किसी के हीरे कहीं बाजार में गिर या गुम भी हो जाते हैं। लेकिन देखा गया है कि वो वापस मिल जाते हैं और उसके मूल मालिक तक पहुंच जाते हैं। एक ऐसा ही वाकया सूरत में देखने को मिला है। 

शख्स को मिले 21 लाख के हीरे वापस लौटाये

वैश्विक मंदी के चलते हीरा उद्योग का इन दिनों बुरा हाल है। ऐसे विपरीत हालात में भी एक हीरा दलाल की प्रामाणिकता उस समय नहीं डगमगाई जब उसे इक्कीस लाख की कीमत के हीरे सड़क पर पड़े मिले। उसने वो हीरे का पैकेट सूरत डायमंड ब्रोकर एसोसिएशन के कार्यालय में जाकर लौटा दिया। 

सूरत डायमंड ब्रोकर एसोसिएशन का संदेश मिलते ही मूल मालिक कार्यालय पहुंचा

हीरा दलाल रोहितभाई तरसारिया को 21 लाख रुपये के 13 नग 19/83 वजन के हीरे का पैकेट मिला था, जो उन्होंने सूरत डायमंड ब्रोकर एसोसियेशन के कार्यालय में पहुंचाया। उधर ये हीरे मूल रूप से जिनके थे वे हिम्मतभाई ठुम्मर ने पहले ही हीरों के गुम होने की सूचना सूरत डायमंड ब्रोकर एसोसिएशन के कार्यालय को दे रखी थी। जब कार्यालय में हीरों का पैकेट पहुंचा तो कार्यालय द्वारा उनके संदेश भेजने के सिस्टम के जरिये संदेश प्रसारित कर दिया। संदेश मिलते ही हिम्मतभाई ठुम्मर एसडीबीए के कार्यालय पहुंचे और चूंकि उनके द्वारा दी गई हीरों के गुम हुए पैकेट जानकारी सही निकली, तो रोहितभाई तरसरिया की उपस्थिति में एसडीबीए की मध्यस्थता में हीरे मूल मालिक को लौटा दिये गये। पैकेट खोने के बाद बहुत चिंतित नजर आ रहे हीरा दलाल हिम्मत भाई ठमर ने हीरों के मिलने पर राहत की सांस ली और रोहितभाई को धन्यवाद दिया। 

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